बाधक ग्रह-Badhak Planets- Obstructive Planets
बाधक ग्रहों (Badhaka Planets) का जिक्र ज्योतिष शास्त्र में किया जाता है, और ये वे ग्रह होते हैं जो जातक के जीवन में बाधाएं और समस्याएं उत्पन्न करते हैं। इन्हें “अवरोधक” या “विघ्नकारी” ग्रह भी कहा जाता है। कुंडली के अनुसार, ये ग्रह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कठिनाइयों का कारण बनते हैं, जैसे कि स्वास्थ्य, धन, संबंध, करियर आदि।
बाधक ग्रह का निर्धारण
बाधक ग्रह का निर्धारण विशेष रूप से लग्न (आरोही चिन्ह) के आधार पर किया जाता है।
चर (चल) लग्न: मेष, कर्क, तुला, मकर
बाधक ग्रह 11वें भाव का स्वामी होता है।
स्थिर (स्थिर) लग्न: वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ
बाधक ग्रह 9वें भाव का स्वामी होता है।
द्विस्वभाव (द्वैत) लग्न: मिथुन, कन्या, धनु, मीन
बाधक ग्रह 7वें भाव का स्वामी होता है।
बाधक ग्रह का प्रभाव
बाधक ग्रहों का प्रभाव विभिन्न रूपों में जातक के जीवन पर पड़ता है:
स्वास्थ्य पर प्रभाव: बाधक ग्रह की स्थिति स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। विशेष रूप से, अगर ये ग्रह छठे, आठवें या बारहवें भाव में हों, तो बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
धन और समृद्धि पर प्रभाव: बाधक ग्रह की दशा और अंतरदशा में आर्थिक समस्याएं, कर्ज, या धन हानि हो सकती है।
संबंधों पर प्रभाव: ये ग्रह पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में विवाद, तनाव और मतभेद उत्पन्न कर सकते हैं।
करियर और व्यवसाय पर प्रभाव: बाधक ग्रह करियर में रुकावटें, नौकरी में अस्थिरता, या व्यापार में हानि ला सकते हैं।
बाधक ग्रह के प्रभाव का स्तर
बाधक ग्रह का प्रभाव जातक की कुंडली की अन्य ग्रह स्थिति, दशा और गोचर पर निर्भर करता है। यदि बाधक ग्रह मजबूत है और शुभ ग्रहों के साथ युति कर रहा है या शुभ भावों में स्थित है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है। परंतु, यदि यह नीच स्थिति में हो, या पाप ग्रहों के साथ हो, तो इसका प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है।
निवारण
बाधक ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं:
नियमित रूप से भगवान शिव, हनुमान जी, या विष्णु जी की पूजा करना।
मंत्रों का जाप, विशेष रूप से बाधक ग्रह के बीज मंत्र का।
बाधक ग्रह के लिए रत्न धारण करना (यदि उचित हो तो)।
यज्ञ, हवन, और दान करना।
बाधक ग्रह के उपाय (Badhaka Planets)
बाधक ग्रह का प्रभाव जातक के जीवन में बाधाओं और समस्याओं के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न उपाय बताए गए हैं जिनके माध्यम से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए जा रहे हैं:
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मंत्र जाप
बाधक ग्रह का बीज मंत्र: बाधक ग्रह के बीज मंत्र का नियमित जाप करने से उसकी नकारात्मक ऊर्जा को शांत किया जा सकता है।
उदाहरण: यदि बाधक ग्रह शनि है, तो “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार रोजाना करें, विशेष रूप से ग्रह के दिन (जैसे शनि के लिए शनिवार)।
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पूजा और आराधना
भगवान शिव की पूजा: भगवान शिव की पूजा बाधक ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए बहुत प्रभावी मानी जाती है।
हनुमान जी की आराधना: मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से बाधक ग्रहों का प्रभाव कम हो सकता है।
भगवान विष्णु की पूजा: नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। यह उपाय भी बाधक ग्रहों के प्रभाव को कम करने में सहायक है।
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दान और धर्म कार्य
बाधक ग्रह से संबंधित वस्त्र और वस्तुएं दान करें:
शनि ग्रह के लिए काले वस्त्र, तिल, लोहे की वस्तुएं, और तेल दान करें।
सूर्य ग्रह के लिए गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की वस्तुएं दान करें।
गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें: इससे बाधक ग्रह का प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
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रत्न धारण करना
बाधक ग्रह के रत्न: बाधक ग्रह के रत्न धारण करने से उसका प्रभाव नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
उदाहरण: यदि बाधक ग्रह सूर्य है, तो माणिक्य (रूबी) धारण करें। यदि शनि है, तो नीलम (ब्लू सफायर) धारण करें।
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व्रत और उपवास
विशेष व्रत: बाधक ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए सप्ताह के उस दिन व्रत रखें जो उस ग्रह का होता है।
उदाहरण: शनि के लिए शनिवार का व्रत रखें, सूर्य के लिए रविवार का।
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यज्ञ और हवन
नवग्रह शांति हवन: नवग्रहों की शांति के लिए हवन करना लाभकारी हो सकता है। इससे बाधक ग्रह का प्रभाव काफी कम हो सकता है।
विशेष बाधक ग्रह हवन: बाधक ग्रह के लिए विशेष हवन करवाएं। इसमें संबंधित ग्रह के मंत्रों का जाप और हवन सामग्री का समर्पण किया जाता है।
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आध्यात्मिक उपाय
ध्यान और प्रार्थना: नियमित ध्यान और प्रार्थना करने से मन शांत होता है और ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को सहने की शक्ति मिलती है।
क्षमा प्रार्थना: अपने कर्मों के लिए क्षमा प्रार्थना करें, जिससे बाधक ग्रहों के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
दशा का उपाय
ज्योतिष में दशा का मतलब एक निश्चित समय अवधि से है, जब किसी विशेष ग्रह का प्रभाव जातक के जीवन पर होता है। यदि यह दशा प्रतिकूल ग्रह की है, तो जातक को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार की दशा से निपटने के लिए कुछ विशिष्ट उपाय किए जा सकते हैं जो ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा को कम कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए जा रहे हैं:
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मंत्र जाप
दशा स्वामी ग्रह का मंत्र: जिस ग्रह की दशा चल रही है, उसके बीज मंत्र या मुख्य मंत्र का नियमित जाप करना लाभकारी हो सकता है।
उदाहरण: यदि शनि की दशा चल रही है, तो “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप की संख्या: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार प्रतिदिन करना चाहिए। इसे करने के लिए विशेष रूप से ग्रह के दिन (जैसे, शनिवार शनि के लिए) का चयन करना बेहतर होता है।
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रत्न धारण
ग्रह के अनुकूल रत्न: ग्रह की दशा को शांत करने के लिए संबंधित ग्रह का रत्न धारण करना एक प्रभावी उपाय है।
उदाहरण: सूर्य की दशा के लिए माणिक्य (रूबी) धारण करें, चंद्रमा के लिए मोती (पर्ल) और शनि के लिए नीलम (ब्लू सफायर)।
सावधानी: रत्न धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
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दान और धर्म कार्य
दशा ग्रह के अनुसार दान: जिस ग्रह की दशा चल रही हो, उस ग्रह से संबंधित वस्त्र और वस्तुएं दान करें।
उदाहरण: सूर्य की दशा में गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की वस्तुएं दान करें। शनि की दशा में काले वस्त्र, तिल, लोहे की वस्तुएं, और तेल दान करें।
धार्मिक स्थलों पर दान: किसी धार्मिक स्थल पर भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करें।
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व्रत और उपवास
विशेष व्रत: दशा के ग्रह के दिन व्रत रखें।
उदाहरण: यदि मंगल की दशा चल रही है, तो मंगलवार का व्रत रखें। इसी तरह, यदि शनि की दशा है, तो शनिवार को उपवास करें।
सामूहिक उपवास: कुछ दशाओं में, सामूहिक उपवास या परिवार के सदस्यों के साथ व्रत रखना भी लाभकारी हो सकता है।
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पूजा और आराधना
ग्रह की शांति के लिए पूजा: दशा के ग्रह की शांति के लिए विशेष पूजा करें।
हनुमान जी की आराधना: हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगल और शनि की दशा में प्रभावी मानी जाती है।
भगवान शिव की पूजा: भगवान शिव की पूजा करना भी हर ग्रह की दशा के लिए शुभ माना जाता है।
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यज्ञ और हवन
नवग्रह शांति हवन: नवग्रहों की शांति के लिए हवन करना दशा के प्रतिकूल प्रभाव को कम कर सकता है।
विशेष ग्रह हवन: दशा स्वामी ग्रह के लिए विशेष हवन करवाएं, जिसमें उसके मंत्रों का जाप और हवन सामग्री का समर्पण किया जाता है।
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आध्यात्मिक उपाय
ध्यान और योग: नियमित ध्यान और योग करने से मानसिक शांति मिलती है और दशा के नकारात्मक प्रभावों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
क्षमा प्रार्थना: अपने गलतियों के लिए क्षमा मांगने से दशा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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अन्य उपाय
ग्रह के मित्र ग्रह की पूजा: यदि किसी ग्रह की दशा चल रही है, तो उसके मित्र ग्रह की पूजा करना भी लाभकारी हो सकता है।
ग्रह की दिशा में दीप जलाना: जिस ग्रह की दशा चल रही है, उसकी दिशा में दीपक जलाने से भी लाभ हो सकता है।
Obstructive Planets
In Vedic astrology, obstructive planets are those that create obstacles and challenges in an individual’s life. These planets, also known as “Vighnakari” or “Avarodhak” planets, can cause difficulties in various areas of life, such as health, wealth, relationships, career, and more.
Determining Obstructive Planets
The identification of obstructive planets is primarily based on the ascendant (lagna) of the birth chart.
Movable (Char) Ascendants: Aries, Cancer, Libra, Capricorn
The obstructive planet is the ruler of the 11th house.
Fixed (Sthira) Ascendants: Taurus, Leo, Scorpio, Aquarius
The obstructive planet is the ruler of the 9th house.
Dual (Dvisvabhava) Ascendants: Gemini, Virgo, Sagittarius, Pisces
The obstructive planet is the ruler of the 7th house.
The effects of obstructive planets can manifest in different ways in a person’s life:
Health Impact: The position of obstructive planets can lead to health issues. If these planets are located in the 6th, 8th, or 12th houses, the likelihood of illness increases.
Relationship Impact: These planets can cause disputes, tension, and misunderstandings in family and marital life.
Career and Business Impact: Obstructive planets may lead to career obstacles, job instability, or losses in business.
Level of Influence
The impact of an obstructive planet depends on its position in the birth chart, its strength, and its conjunction with other planets. If the obstructive planet is strong and aligned with benefic planets or located in favorable houses, its negative impact may be reduced. However, if it is debilitated or associated with malefic planets, its influence can be much more pronounced.
Remedies for Obstructive Planets
To reduce the effects of obstructive planets, Vedic astrology suggests several remedies:
Mantra Chanting
Beej Mantra of the Obstructive Planet: Regular chanting of the Beej Mantra associated with the obstructive planet can help neutralize its negative energy.
Example: If Saturn is the obstructive planet, chant “Om Sham Shanicharaya Namah” at least 108 times daily, especially on the planet’s day (Saturday for Saturn).
Worship and Devotion
Lord Shiva Worship: Worshiping Lord Shiva is considered highly effective in mitigating the influence of obstructive planets.
Hanuman Worship: Devotion to Lord Hanuman on Tuesdays and Saturdays can reduce the negative effects of obstructive planets.
Lord Vishnu Worship: Regular recitation of Vishnu Sahasranama is also beneficial.
Charity and Donations
Donate Items Related to the Obstructive Planet:
For Saturn, donate black clothes, sesame seeds, iron items, and oil.
For the Sun, donate wheat, jaggery, red clothes, and copper items.
Help the Needy: Assisting the poor and needy can diminish the negative influence of obstructive planets and enhance positive energy.
Gemstone Wearing
Gemstones for Obstructive Planets: Wearing the appropriate gemstone can help control the planet’s influence. However, it is crucial to consult a qualified astrologer before wearing any gemstone.
Example: For the Sun, wear Ruby (Manikya). For Saturn, wear Blue Sapphire (Neelam).
Fasting and Vows
Special Fasts: Observe fasts on the day associated with the obstructive planet.
Example: Fast on Saturdays for Saturn, Sundays for the Sun.
Yajna and Havan
Navagraha Shanti Havan: Performing a havan for the pacification of the Navagrahas (nine planets) can significantly reduce the obstructive planet’s influence.
Specific Obstructive Planet Havan: Conduct a havan specifically for the obstructive planet, involving the chanting of its mantras and offering appropriate materials.
Spiritual Remedies
Meditation and Prayer: Regular meditation and prayer can calm the mind and provide the strength to endure the challenges posed by the planets.
Forgiveness Prayers: Seeking forgiveness for past actions can help mitigate the effects of obstructive planets.