Pearl Gemstone Benefits

  • Home
  • Blog
  • Pearl Gemstone Benefits
MOON STONE jpg

Pearl Gemstone Benefits

Pearl Gemstone Benefits: Unraveling the Mystique of the Moon Gemstone

Pearl, also known as “Muktak” in Sanskrit, holds the celestial power of the planet moon. These lustrous gems have captivated humanity for ages. Let’s explore the various types of pearls and their significant benefits.

Gaj Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Regarded as the most exceptional pearl in the universe, the Gaj Muktak is incredibly rare and highly sought after. Legend has it that it forms in the brains of elephants born under the Pushya or Shravan constellation on a Sunday or during a full moon. This pearl’s auspicious possession is believed to bring solutions to life’s problems and prosperity to households.

Sarp Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Found on the hood of the Bhuanjgam Sarp, the Sarp Muktak gains intensity and a stunning light blue color as the serpent ages. Acquiring this pearl is a privilege, as it bestows success and accomplishment in all endeavors.

Vansh Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Discovered in bamboo forests during the Swati, Pushya, and Saravan constellations, the Vansh Muktak produces a sound akin to sacred Ved-dhwani. This round, light green pearl brings harmony, peace, and economic prosperity to its possessor.

Shankh Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Derived from the conch with five chambers amidst the turbulent sea, the Shankh Muktak possesses a dazzling light blue color with three distinctive stripes. Embracing this pearl promotes good health and rids life of various deficiencies.

Shukar Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Found in the brains of youthful swine, the Shukar Muktak is round, bright yellow, and transparent. It enhances memory, instills truthfulness, and empowers the possessor. Legend says that women who wish for a son can wear this pearl for fulfillment.

Meen Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Extracted from the belly of a large fish, the Meen Muktak shines like a pale yellow gram and emits a mesmerizing glow underwater. This pearl is believed to possess the power to combat tuberculosis.

Aakash Muktak

Falling from the sky during the Pushya constellation, the Aakash Muktak is a rare sight. Those fortunate enough to acquire it experience boundless energy and immeasurable treasures in their lives.

Megh Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

These pearls descend like raindrops from the clouds during Sundays under the Pushya or Shravan constellation, adorning a bright white hue. Wearing this pearl shields one from negativity, ensuring a harmonious life.

Seep Muktak (Pearl Gemstone Benefits)

Formed in mussels when water drops during the Swati constellation, the Seep Muktak is significantly influenced by the moon. Its diverse shapes and sizes make it alluring, with the pearls from the Gulf of Siam or Basra being of superior quality. Those afflicted by the malefic effects of the moon should wear this pearl for protection.

Identification of Pearl Gemstone (Pearl Gemstone Benefits)

To verify the authenticity of a pearl, try these simple tests:

Place the pearl in a glass of water; if it emits rays, it is genuine.

Soak the pearl in cow urine overnight in a clay pot; if it remains intact, it is pure and auspicious.

Rub the pearl against rice barn; if it glows more, it is authentic.

Place the pearl in pure ghee; if the ghee melts, the pearl is genuine.

Pearl Gemstone Advantages

As the “queen of the planets,” Pearl is the gem of the moon, bestowing eternal happiness on its bearer. Possessing a pearl attracts blessings from Goddess Laxmi, ensures financial stability, and protects against malevolent planetary influences. Pearl brings success in various aspects of life, including property, business, and health, while alleviating ailments like jaundice, kidney issues, and digestive problems.

Pearl Gemstone Disadvantages

However, not all pearls are auspicious. Avoid pearls with the following defects:

Broken Pearl: Causes instability of the mind and an increase in problems.

Lines: Wavy lines signify economic losses in business ventures.

Menda: Stretched lines around the pearl are harmful to health.

Spots: Colored spots affect intelligence and mental faculties.

Massa: Spots of different colors lead to a decline in intelligence and vitality.

Weak or Languid Pearl: Irregular shape or lack of luster brings financial downfall.

Pecker: Sharply edged pearls bring negativity and harm to the possessor and household.

Quadrilateral: Four-cornered pearls harm the wife and livelihood of the possessor.

Triangle: Three-cornered pearls weaken the beholder’s intellect and vitality.

Kak: Pearls with a large black dot are ominous for children.

Flat: Flattened pearls remove luck and cause suffering.

Tamrak: Copper-textured pearls bring destruction.

Raktmukhi: Pearls with red dots signify wealth destruction.

Rekhak: Pearls with a long line down the center are ominous.

How to Wear the Pearl Gemstone

To maximize the benefits of a pure and auspicious pearl, follow these steps:

Choose a bright and beautiful pearl.

Set the pearl in a silver ring.

Before wearing the ring, soak it in raw milk for 8 hours.

Wear the ring on Monday morning or between 5 pm to 7 pm on the little finger of the left hand after worshipping Lord Shiva.

Substitutes of the Pearl Gemstone

For those unable to afford the original pearl, two substitutes are available:

Nimru: A small pearl left behind when an oyster dies. It is not as effective as the original but still offers benefits.

Moon Gem: Also known as white topaz, this bright and spotless gem is found in Sri Lanka and Rameshwaram.

Embrace the mystical allure of pearls and experience the incredible benefits they bring into your life. With their celestial essence and captivating charm, pearls truly stand as a unique gemstone among all others.

चंदनी के रत्न से जुड़े लाभ/चंदनी रत्न के फायदे

चंदनी रत्न के फायदे: चंदनी रत्न को संस्कृत में “मुक्तक” और अंग्रेजी में “Pearl” कहा जाता है। यह रत्न चंद्रमा का रत्न होता है और इसके नौ प्रकार के होते हैं, जिनमें हर एक का अपना महत्व होता है।

गज मुक्तक (चंदनी रत्न के फायदे):

यह मोती सबसे श्रेष्ठ माने जाते हैं लेकिन इन्हें प्राप्त करना कठिन होता है। जिन हाथियों का जन्म पुष्य, श्रावण नक्षत्र, और रविवार को होता है, उनके बड़े मस्तिष्क में यह मोती पाया जाता है। कुछ मोती हस्तियों के दन्तकोष से भी मिलते हैं। इन मोतियों की देखभाल करने से, शुभ मुहूर्त में इन्हें धारण करने से, जीवन की समस्त समस्याएं हल हो जाती हैं और मन को अद्भुत शांति मिलती है। इससे घर में समृद्धि का वातावरण बना रहता है।

सर्प मुक्तक (चंदनी रत्न के फायदे):

श्रेष्ठ वासुकी जाति के भुजंगम सर्प के सिर में यह मोती पाया जाता है। जैसे-जैसे यह सर्प बढ़ता है, यह मोती हल्के नीले रंग में तेज़ होता जाता है। इसे प्राप्त करना कठिन होता है और इसे सिर्फ़ भाग्यशाली व्यक्ति ही पाते हैं। इस मोती की मदद से प्रत्येक इच्छा को पूरा करना संभव होता है।

वंश मुक्तक (चंदनी रत्न के फायदे):

 जंगलों में स्वाति, पुष्य या श्रवण नक्षत्र से एक दिन पहले, वहाँ बांस की एक प्रकार की ध्वनि सुनाई देने लगती है, और उसी नक्षत्र के समाप्ति तक वह ध्वनि सुनाई देती रहती है। इस अवधि में, जिस बांस में यह मोती होता है, वहाँ से इसे निकाल लिया जाता है। इसका रंग हल्का हरा होता है और यह गोल आकार का होता है। इस मोती को उत्तम कोटि के भाग्यशाली व्यक्ति ही प्राप्त कर पाते हैं। इस मोती को धारण करने से भाग्यशाली होने के साथ-साथ घर में अटूट संपत्ति बनी रहती है। सामाजिक दृष्टि से, ऐसे व्यक्ति शीघ्र ही उच्च पद पर पहुँचते हैं।

शंख मुक्तक (चंदनी रत्न के फायदे):

समुद्र में पाँच जन्य शंख में ज्वार-भाटे के समय, उथल-पुथल में यह शंख सरलता से प्राप्त हो जाता है। पाँच जन्य शंख की नाभि में यह मोती स्थित होता है। इसका रंग हल्का नीला होता है और यह देखने में सुंदर होता है। इस मोती पर तीन धारियाँ होती हैं, जिससे यह मोती स्वास्थ्यवर्धक, स्थिरलक्ष्मी प्राप्त करने में सहायक और सभी प्रकार के अभावों को दूर करने में सक्षम होता है।

शूकर मुक्तक (चंदनी रत्न के फायदे):

वाराह वर्ग में उत्पन्न शूकर के यौवनकाल में यह उसके मस्तिष्क से प्राप्त होता है। देखने में यह पीले रंग का गोल, सुंदर, और चमकदार होता है। इसके धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और वाक्शक्ति (बोलने पर सच हो जाना) प्राप्त होती है। जिनकी सन्तान केवल कन्या ही होती हैं और पुत्र सुख प्राप्त न हो, ऐसी स्त्रियों को यह मोती धारण करने से निश्चित रूप से पुत्र प्राप्ति होती है।

मीन मुक्तक (चंदनी रत्न के लाभ):

 यह मोती रत्न मछली के पेट से प्राप्त होता है। इसका आकार चने के आकार के समान होता है और इसका रंग पांडु रंग में चमकदार होता है। इस मोती में एक प्रकार की रौशनी निकलती है, जो जल में डुबकी लगाने पर पानी में देखी जा सकती है। इस मोती को मिटाने में क्षय रोग में सहायक होता है।

आकाश मुक्तक (चंदनी रत्न के लाभ):

 पुष्य नक्षत्र में आकाश से बादलों में से कभी-कभी इस मोती की भी वर्षा होती है। इस वर्षा में एक या दो मोती ही नीचे गिरते हैं। इसे प्राप्त करने में सिर्फ़ भाग्यशाली पुरुष ही सफल होते हैं। यह मोती चमकदार और गोल आकृति का होता है। इसके धारण करने से व्यक्ति तेजस्वी और भाग्यशाली बनता है, उसके जीवन में कई बार अटूट खजाने प्राप्त होते हैं।

मेघ मुक्तक (चंदनी रत्न के लाभ):

रविवार को पुष्य या श्रवण नक्षत्र के दिन, वर्षा में कभी-कभी इस मोती का भी नीचे गिरना होता है। इसका रंग सफेद चमकीला होता है। इस मोती के पहनने से जीवन में किसी भी प्रकार का अभाव नहीं रहता।

सीप मुक्ताक (चंदनी रत्न के लाभ):

यह मोती अधिकतर सीपों से ही प्राप्त होते हैं, सीप में स्वाति नक्षत्र में गिरी जल की बूँद से इस मोती का जन्म होता है। इस मोती पर चन्द्रमा का पूर्ण प्रभाव होता है। इनकी आकृति कई प्रकार की होती है, जैसे लम्बे, गोल, बेडौल, सुडौल, तीखे और चपटे सभी प्रकार के। इस मोती को विश्व के लगभग सभी समुद्रों में पाया जाता है, लेकिन स्याम और बसरे की खाड़ी में पाया जाने वाला उत्तम कोटि का होता है। चन्द्र प्रभावयुक्त व्यक्तियों को बसरे की खाड़ी का ही मोती धारण करना चाहिए। इन मोतियों का रंग हल्का पीले रंग का होता है। इस मोती रत्न के धारण करने से धन प्राप्ति, स्वास्थ्य लाभ तथा आनंद की प्राप्ति होती है।

मोती की पहचान (चंदनी रत्न के लाभ):

कांच के गिलास में पानी डालकर उसमें मोती डालें। यदि पानी में से किरणें-सी निकलती दिखाई देती हैं, तो मोती को सच्चा समझना चाहिए।

गाय के मूत्र को किसी मिट्टी के बर्तन में लेकर उसमें मोती डालें और उस मोती को रात-भर वहां रखने दें। प्रात: यदि मोती टूटा हुआ नहीं मिलता है, तो उसे शुद्ध मोती समझना चाहिए।

धान की भूसी में मोती रखकर खूब मलें। यदि मोती नकली होगा, तो उसका चुरा हो जाएगा और यदि असली मोती होगा, तो वह चमककर और निखर आएगा।

घी में शुद्ध मोती रखने से घी पिघल जाए, तो शुद्ध मोती समझना चाहिए।

मोती रत्न के लाभ (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स):

मोती को ग्रहों की रानी कहा जाता है, यह चंद्रमा का रत्न है, जो व्यक्ति इस रत्न को धारण करता है, वह हमेशा खुश रहता है, उसकी जान पहचान बनती रहती है, ऐसे व्यक्ति पर सदा लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, धन की उसे कमी नहीं रहती, इस मोती रत्न (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स) को धारण करने से राहु, शनि, मंगल ग्रह का प्रकोप कम होने लगता है, घर पीड़ा उसे कम सताती है।

इस मोती रत्न (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स) को कोई भी धारण कर सकता है, यह रत्न सभी को लाभ देता है, इसके लिए किसी ज्योतिषी से पूछने की आवश्यकता नहीं होती, मोती पहनने से कार्यों में सफलता मिलती है, सुख-सम्पत्ति, धन लाभ, उच्चपद, वाहन, व्यापार, मान सम्मान, प्रतिष्ठा आदि प्राप्त होते हैं।

इस रत्न को धारण करने से पेट की समस्या, खून की कमी, गैस, पीलिया, गुर्दा, रक्त संबंधी बीमारी आदि धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

मोतियों के दोष (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स):

मोती में कई प्रकार के दोष पाए जाते हैं, पर हमेशा साफ, सुंदर चमकदार और चिकना मोती लेकर ही धारण करें, निम्न में से कई दोष मोती में पाए जाते हैं, तो वह लाभ की जगह हानि देने वाला होता है।

टुटा मोती: टूटा हुआ मोती हानिकारक होता है। ऐसा मोती पहनने से कष्ट बढ़ता है। मन अस्थिर हो जाता है।

रेखित मोती: जिस मोती में लहरदार रेखा दिखाई देती है, वह अच्छा मोती नहीं कहा जा सकता, ऐसा मोती धारण करने से आर्थिक हानि बनी रहती है।

मेंडा मोती: जिस मुक्तक के चारों ओर रेखा खिंची हुई दिखाई देती है, वह मेंडा मोती कहलाता है। ऐसा मोती स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

धब्बा मोती: जिस मोती में कई रंग या एक ही रंग के छोटे-छोटे बिंदु दिखाई देते हैं, ऐसा मोती धारण करने से बल-बुद्धि नष्ट हो जाता है।

मस्सा मोती: जिस मोती में कई रंग के या एक ही रंग के छोटे-छोटे बिंदु दिखाई देते हैं, ऐसा मोती धारण करने से बल-बुद्धि और वीर्य नष्ट हो जाता है।

दुर्बल मोती: जो मोती बेडौल, लम्बा या दुर्बल-सा हो, तो वह मोती धन का नाश होता है।

निस्तेज मोती: बिना चमक का मोती अशुभ कहा जाता है, और ऐसा मोती दरिद्रता लाने वाला होता है।

चोंच मोती: जिस मोती की चोंच हो, या एक तरफ से नुकीला हो, तो ऐसा मोती घर की हानि करने वाला होता है।

चतुर्भुज मोती: जो मोती चपटा हो और चार कोणों से युक्त हो, तो ऐसा मोती धारण करने से पत्नी का नाश होता है।

त्रिकोण मोती: तीन कोनों वाला मोती पहनने वाले को नपुंसक बनाता है और बल, वीर्य और बुद्धि का नाश करता है।

काक मोती: जिस मोती का मोटा-सा काला धब्बा हो, वह काक मोती कहलाता है। ऐसा मोती जातक की संतान के लिए भयंकर कष्टप्रद होता है।

चपटा मोती: जो मोती चपटा हो, वह सुख-सौभाग्य का हरण करने वाला और चिन्ताएं बढ़ाने वाला होता है।

ताम्रक मोती: तांबे के रंग का मोती कुल का नाश करने वाला होता है।

रक्तमुखी मोती: लाल रंग का मोती लक्ष्मी का नाश करने वाला होते हैं।

रेखक मोती: जिस मोती के गर्भ में लम्बी-सी लकीर दिखाई देती है, वह मोती अशुद्ध होता है।

रत्न धारण: प्राण प्रतिष्ठित शुद्ध मोती रत्न (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स), जिस पर चन्द्र ग्रह का तंत्रोक्त मन्त्रजाप किया हुआ हो, वह 4 या 7 रत्ती का लेकर चांदी की अंगूठी बनवाकर, शुक्ल पक्ष में धारण करने से पहले कच्चे दूध में 8 घंटे डुबोकर रखें, फिर प्रात: सोमवार को शाम को 5 से 7 बजे के बीच शिव जी को प्रणाम करके उल्टे हाथ की छोटी ऊँगली (कनिष्ठिका) में धारण करें।

मोती का उपरत्न (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स):

मोती के दो उपरत्न हैं, जो व्यक्ति मोती नहीं पहन सकते, उन्हें उपरत्न धारण करना चाहिए।

निमरू: सीप की मृत्यु पर उसकी पूछ से छोटा-सा मोती रत्न मिलता है जो ‘निमरू’ कहलाता है। यह चन्द्र का उपरत्न कहलाता है। यद्दपि यह मोती रत्न (पर्ल जेमस्टोन बेनेफिट्स) के समान प्रभावशाली तो नहीं होता, फिर भी इसके पहनने से किंचित् लाभ अवश्य होता है। निमरू का रंग चाँदी के समान उज्ज्वल सफेद होता है।

चन्द्रमणि: सफेद रंग का पुखराज चन्द्रमणि कहलाता है। यह शुभ, चमकदार और अच्छे पानी का होता है तथा इसके ऊपर किसी भी प्रकार का धब्बा नहीं दिखाई देता। लंका और रामेश्वरम् में यह पाया जाता है।

1. मोतियों में कितने प्रकार के दोष होते हैं?

मोतियों में कई प्रकार के दोष पाए जाते हैं, जो कि आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हानि पहुँचा सकते हैं।

2. किन-किन दोषों से बचने के लिए कैसे चुनाव करें?

साफ, सुंदर और चमकदार मोती ही धारण करने चाहिए, क्योंकि टूटे, रेखित, मेंडा, धब्बा, मस्सा, दुर्बल, निस्तेज, चोंच, चतुर्भुज, त्रिकोण, काक, चपटा, ताम्रक और रक्तमुखी मोतियाँ हानि कारक हो सकती हैं।

3. क्या टूटा मोती पहनना शुभ होता है?

नहीं, टूटा हुआ मोती हानिकारक होता है। इसका पहनना कष्ट बढ़ा सकता है और मन अस्थिर हो सकता है।

4. रेखित मोती से क्या संबंधित समस्याएं हो सकती हैं?

रेखित मोती में लहरदार रेखा दिखाई देती है, जिससे आर्थिक हानि हो सकती है। इसलिए ऐसे मोती का धारण करने से बचना चाहिए।

5. मेंडा मोती क्यों हानिकारक होता है?

मेंडा मोती में चारों ओर रेखा खिंची हुई दिखाई देती है, जिससे स्वास्थ्य को हानि हो सकती है। इसका पहनना बचने के लिए आवश्यक है।

6. धब्बा मोती का क्या मतलब होता है?

धब्बा मोती में कई रंग या एक ही रंग के छोटे-छोटे बिंदु दिखाई देते हैं, जो बल और बुद्धि को नष्ट कर सकते हैं। ऐसे मोती का धारण करना अच्छा नहीं होता।

7. क्या दुर्बल मोती का कोई महत्व होता है?

हां, दुर्बल मोती बेड़ौल, लम्बा या दुर्बल-सा होता है, और इसका पहनना धन की हानि कर सकता है।

8. निस्तेज मोती क्या संकेत करता है?

निस्तेज मोती बिना चमक वाला होता है और यह दरिद्रता को आकर्षित कर सकता है। इसका धारण करना अशुभ माना जाता है।

9. चोंच मोती का मतलब क्या होता है?

चोंच मोती में चोंच होती है या एक तरफ से नुकीला होता है, जिससे घर में हानि हो सकती है।

10. क्या चतुर्भुज मोती का कोई खास महत्व होता है?

चतुर्भुज मोती चपटा होता है और चार कोणों से युक्त होता है,

2 thoughts on “Pearl Gemstone Benefits

  1. आप ने मोतियो के बारे मे अच्छी जानकारी दी है 🙏🙏

  2. Thanks for the information 🙏🙏🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories

Open chat
💬 Need help?
Namaste🙏
How i can help you?