Satta Lottery- Share Market Astrology –सट्टा लाटरी शेयर मार्किट से लेना है लाभ ?
तुरंत करे ये उपाय :
- ऊं रां राहवे नम: मंत्र का प्रतिदिन एक माला जाप करें।
- पंचधातु या लोहे की अंगुठी में नौ रत्ती का गोमेद जड़वा कर शनिवार को राहु के बीज मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके दांये हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें।
- प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- प्रतिदिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
- तामसिक आहार और मदिरा का सेवन बिलकुल ना करें।
- अगर आपने तामसिक आहार और मदिरा का सेवन किया तो ऐसा करने से राहु आपके और भी अधिक प्रतिकूल हो जाएगा।
अचानक धन लाभ के कुछ योग ,
जानते है की कौन से योग होने पर मिलता है अचानक धन
- जातक की कुंडली में अगर राज योग हो तभी लाटरी, सट्टा, जुआ और शेयर बाजार से लाभ होता हे। राज योग में धन भाव (दूसरा भाव) या लाभ स्थान एकादश भाव और दसवे घर क स्वामी उच्च राशि के बैठे हों और उन पर सौम्ये ग्रह की दृस्टि हो तो लाटरी निकलने की प्रबल संभावना होती है।
- लाटरी खरीदने के वक़्त बुध ग्रह अपने भाव मित्र राशि में उच्च का बैठा और गोचर में वेद ना हो तो लाटरी निकलती है अगर बुध जन्म कुंडली में उच्च का न हो तो लाटरी, सट्टा, जुआ और शेयर बाजार से हानि होती है।
- महादशा, अंतर और प्रत्यंतर दशा योगकारक ग्रह या उच्च के ग्रह की हो तो लाटरी निकलने की सभावना होगी।
- योगनी दशा में मंगला, सिद्धा चल रही हो तो अचानक धन लाभ होता है।
- जिस जातक के लग्न में बुध उच्चराशिगत हो, मकर में मंगल, धनु राशि में गुरु, चन्द्रमा,और शुक्र बैठे हों तो राजयोग होता है ऐसे योग में उत्पन बालक को अचानक धन लाभ होता है।
- जातक के जन्म कुंडली में चन्द्रमा सूर्य के नवमांश में हो तो कभी लाटरी, सट्टा, जुआ से लाभ ना होगा।
- शेयर बाजार में डेली ट्रेडिंग (Daily Treding) करने वालों की कुण्डली में मंगल ( Mangal) और गुरू अनुकूल होने चाहिए और कमोडिटी बाजार (Commodity Market) में राहु (Rahu) राज करता है, बारिश के सट्टे में चंद्रमा (Moon) की अनुकूलता चाहिए और क्रिकेट के सट्टे (Cricket Satta) में चंद्रमा (Moon) और मंगल ( Mangal) की।
- यदि जातक की जन्म कुण्डली में अष्टम भाव बेहद मजबूत हो तो भी सट्टा, लाटरी, शेयर आदि में अच्छा लाभ कमाने का योग बनता है।
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लक्ष्मी के योग (Laxmi Yog) अलग होते हैं। अगर पंचम भाव की प्रतिकूलता (Fifth house adversity) को एकादश भाव (11th House) की अनुकूलता मिले तो ही जातक सट्टे से लाभ (Profit by betting) कमा पाता है।
“सट्टे, जुआ, लॉटरी, और अन्य जुआ-जुआगर क्रियाओं से धन कमाने के योग में अष्टम भाव भी शामिल हो सकता है। हम जानते हैं कि अष्टम भाव अशुभ भी माना जाता है और इसमें दुख, कष्ट, और मृत्यु से भी संबंध हो सकते हैं। साथ ही, सट्टे के कारक ग्रह राहु होता है, जो क्रूर और पाप ग्रह माना जाता है, इसलिए सट्टे और इसके सम्बंधित गतिविधियों से कमाया धन शुभ नहीं माना जाता। इस प्रकार का धन आने पर उसे खूबसूरती से दान करना चाहिए, ताकि इसकी अशुभता को दूर किया जा सके।
यह सत्य है कि हमें कभी-कभी धन कई असमय खो सकता है, लेकिन दान और पुण्य का फल हमारे साथ हमेशा रहेगा। शास्त्रों में कहा गया है कि धर्म और कर्म व्यक्ति को बुराई से बचा सकते हैं, बड़ी मुश्किलों से भी उबार सकते हैं।”
इसके बाद, आपके दिए गए उदाहरण को बच्चों को शिक्षा देने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
चूँकि सट्टे आदि से धन लाभ के योगों में अष्टम भाव भी सम्मिलित है और आप जानते ही होंगे की अष्टम भाव अशुभ भाव भी है, इसका दुःख, कष्ट,मृत्यु से भी सम्बन्ध है । और सट्टे का कारक ग्रह राहु है, जो की क्रूर ग्रह, पाप ग्रह है, इसलिए सट्टे आदि से कमाया हुआ धन शुभ नहीं होता है ।
यह अपने साथ दुःख, कष्ट आदि भी ले आता है, गलत आदतें भी इस धन से पड़ जाती है, यह धन जैसे आता है वैसे चला भी जाता है । इसलिए इस तरह का धन आने पर खूब दान पुण्य करना चाहिए तभी इस धन की अशुभता दूर होती है ।
धन तो पता नहीं कब चला जाये लेकिन दान पुण्य का फल तो आपके साथ ही रहेंगा । और शास्त्र कहता है धर्मकर्म व्यक्ति को बुरे से बुरे, और बड़े से बड़े संकट से भी उबार लेता है ।
धर्मेण हन्तये व्याधि धर्मेण हन्तये ग्रहा: ।
धर्मेण हन्तये शत्रु यतो धर्मस्ततो जयः ।।
अर्थात – धर्म व्याधि का नाश करता है, धर्म ग्रहों के बुरे फलों से बचाता है, धर्म दुश्मनों का नाश करता है , जहाँ जहाँ धर्म है वहां वहां विजय है ।
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनं द्वयं ।
परोपकाराय पुण्याय पापाय पर पीडनं ।।
अर्थात अट्ठारह पुराणों में व्यासजी के दो ही वचन है दूसरे का उपकार करना पुण्य है और दूसरे को पीड़ा देना पाप है ।
ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में राहु अनुकूल होता है या जो राहु की महादशा में होते हैं, उन्हें यह धंधे लाभकारी हो सकते हैं। इसके साथ ही, कुण्डली में धन के संकेतक ग्रहों, जैसे कि लग्नेश, चतुर्थेश, पंचमेश, और भाग्येश की स्थिति भी मजबूत होनी चाहिए, तभी व्यक्ति इन व्यापारों से लाभ कर सकता है, चाहे उसे सट्टा, लॉटरी, या शेयर मार्केट की भी जानकारी न हो।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अनुकूल होता है, और वह राहु की महादशा या अंतरदशा में होता है, और उसके अलावा धन देने वाले ग्रहों, लग्नेश, आदि भाग्येश भाव में होते हैं, तो उस व्यक्ति को जितने पैसे से सट्टा खेलना है, उससे कई गुना अधिक धन प्राप्त हो सकता है।
अगर ये ग्रह सही रूप से स्थित नहीं हैं, तो चाहे कितनी भी रुचि क्यों न रखें, सट्टा से दूरी बनाना ही बेहतर है। किसी भी जातक को ध्यान में रखना चाहिए कि वे राहु की महादशा, अंतरदशा, प्रत्यंतर अथवा सूक्ष्म के दौरान सट्टा नहीं खेलें।
यह न केवल सिद्धांत है, बल्कि व्यवहारिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि किसी जातक की कुण्डली में लग्न बलशाली हो, तृतीय भाव का अधिपति अनुकूल हो, मंगल प्रबल हो, पंचम भाव खराब हो, और योग की शक्तिशाली स्थिति हो, तो ही वह एक सफल सट्टा खिलाड़ी बन सकता है।
सट्टा, जुआ, लॉटरी, और शेयर मार्केट, ये सभी ज्योतिष में राहु के क्षेत्र में आते हैं। सट्टा, लॉटरी, और शेयर मार्केट, कमोडिटी बाजार, ये सभी राहु के प्रबल क्षेत्र हैं।
शेयर बाजार में रोजाना व्यापार करने वालों की कुण्डली में मंगल और गुरु का सहयोग होना चाहिए और कमोडिटी बाजार में, राहु का प्रभाव होता है, बारिश के सट्टे में चंद्रमा की साथीत्य चाहिए और क्रिकेट सट्टे में चंद्रमा और मंगल की।
यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में अष्टम भाव मजबूत है, तो वह सट्टा, लॉटरी, और शेयर मार्केट में अच्छा लाभ कमाने की संभावना होती है।
लक्ष्मी योग विशेष होते हैं। अगर पंचम भाव की प्रतिकूलता को एकादश भाव की साथीत्य मिलती है, तो ही जातक सट्टा खिलाड़ी बन सकता है।
सट्टा, जुआ, लॉटरी, और शेयर मार्केट, ये सभी ज्योतिष में राहु के क्षेत्र में माने जाते हैं। जन्म कुण्डली के अनुसार, जो व्यक्ति इन व्यवसायों में रुचि रखता है, उसे विशेष ध्यान और सावधानी के साथ काम करना चाहिए।
सिद्धांत के बजाय, व्यक्ति की कुण्डली में लग्नेश, नवमेश, दशमेश, एकादशेश, और चतुर्थेश की दशा-अंतरदशा चल रही हो, और इन ग्रहों की स्थिति मजबूत हो, तभी व्यक्ति सट्टा, जुआ, लॉटरी, और शेयर मार्केट से धन कमा सकता है।
ज्योतिष के आधार पर, पंचम स्थान सट्टे का भाव होता है। इस स्थान में केतु, राहु, चंद्रमा, और मंगल की युति का प्रभाव होता है, और ये स्थान सट्टा में भाग्य की दिशा में खेलते हैं।
केतु का प्रभाव ज्यादा होता है जब वह कमन्यूकेशन के कारक भावों में होता है या तीसरे, सातवें, या ग्यारहवें भाव से युति बनाता है, जिससे व्यक्ति फोन या इंटरनेट के माध्यम से यह काम कर सकता है। अगर केतु सूर्य के साथ युति बनाता है, तो सरकारी लॉटरी या योजनाओं से धन कमा सकता है, और अगर केतु बुध के साथ युति बनाता है, तो व्यक्ति को खेल-कूद वाले सट्टों के प्रति रुझान होता है। राहु का सम्बन्ध दूसरे और पांचवें स्थान पर होने पर व्यक्ति सट्टा, लॉटरी, और शेयर मार्केट से धन कमा सकता है।
पंचम स्थान मन्त्र और जिज्ञासा का स्थान होता है। इस स्थान के स्वामी धन स्थान पर लाभेष के साथ होते हैं, तो व्यक्ति को सट्टे द्वारा धन कमाने का योग मिलता है।
यह जरूरी है कि व्यक्ति जब भी सट्टा खेलता है, तो ग्रहों की स्थिति और गोचर को ध्यान में रखे। कुंडली में योग होने के बावजूद भी, ग्रहों की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है।
ज्योतिष के आधार पर, पंचम भाव तीसरे भाव का तीसरा भाव होता है, और इसमें सट्टे का भाव बनता है। इसमें केतु, राहु, चंद्रमा, और मंगल की युति का प्रभाव होता है, और ये ग्रह खेल के नतीजे पर बहुत प्रभाव डालते हैं।
किस प्रकार जाने कि कौन सा अंक है आपके लिए शुभ :
१. आपके लिए कौन से अंक शुभ है या अशुभ यह जाने बिना सट्टा, लाटरी या किसी प्रकार का ऑनलाइन गेम न खेले.
२. कौन सा शुभ अंक है कौन सा अशुभ यह आप अपनी कुंडली विश्लेषण से जान सकते है .
३. शुभ अंक, शुभ दिन और शुभ समय और शुभ अक्षर का ज्ञान होने से सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है.
४. अगर आप पैसे लगाते समय दिन- अंक – मुहूर्त आदि का ध्यान रखते है तो आपके जीतने के चांस बढ़ जाते हैं.
५. कुंडली में जो गृह प्रबल है उसके आधार पर ही निर्णय ले और इसके लिए कुंडली अवश्य किसी ज्योतिषी से दिखवाए.
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Declaimer:
महत्वपूर्ण सूचना:
निम्नलिखित पोस्ट में सट्टा-लॉटरी गेमिंग की चर्चा की गई है, जो कि सभी जुरिस्डिक्शन्स में कानूनी नहीं हो सकती है। किसी भी प्रकार के जुआ, सट्टा-लॉटरी सहित, में शामिल होने से पहले अपने क्षेत्र के कानून और विधियों को समझना महत्वपूर्ण है। कृपया इस अस्वीकरण को ध्यान से पढ़ें और आगे बढ़ने से पहले।
1. कानूनी अनुपालन:
इस पोस्ट का उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है और किसी भी प्रकार के जुआ, सट्टा-लॉटरी सहित, को प्रवर्तित या समर्थित नहीं करता है। इस प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने से पहले आपको अपने क्षेत्र के सभी प्राप्ति कानून और विधियों का पालन करना महत्वपूर्ण है। कुछ क्षेत्रों में जुआ कानूनी रूप से प्रतिबंधित हो सकता है।
2. आयु प्रतिबंध:
आपको किसी भी जुआ गतिविधि में भाग लेने के लिए अपने क्षेत्र में कानूनी जुआ आयु में होना चाहिए। अपराधानुरोध जुआ कानूनी रूप से प्रतिबंधित और पूरी तरह से वर्जित है।
4. जोखिम चेतावनी:
जुआ में जोखिम होता है, और आपको कभी ऐसा धन लगाना नहीं चाहिए जिसका आपको हानि हो सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप जागरूक हों कि लंबे समय में अधिकांश खिलाड़ी हारते हैं ज्यादा धन जीतने की तरह नहीं।
5. जानकारी की सटीकता:
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