Life Problems- जीवन में समस्याएं और उनके उपाय:
हर एक व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी प्रकार की समस्याएं अवश्य उत्त्पन्न होती है लेकिन उस पर सबसे अधिक प्रभाव वैवाहिक जीवन में होने वाली समस्याओं से पड़ता है। हम इन उत्त्पन होने वाली समस्याओं को कुछ संकेतो के आधार पर जान सकते हैं की समस्या ग्रहो के कारण है अथवा नहीं
कुछ व्यक्तियों का ज्योतिष में विश्वास है और कुछ का नहीं लेकिन सभी विज्ञानं में विश्वास अवश्य रखते है क्युकि जो विज्ञानं प्रमाणित करता है उसे सभी मानते ही है।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं की विवाह पूर्व उन्होंने ज्योतिषी से कुंडली मिलवाई थी फिर उनके जीवन में क्यों समस्याएं उत्त्पन हुईं?
इसका क्या कारण है? यह अत्यधिक महत्त्वपूर्ण पहलू है की कुंडली मिलान के बाद भी समस्याएं जस की तस है या अधिक बढ़ गयी है। इस बात पर ध्यान देना होगा की कुंडली मिलान के समय केवल गुण मिलान कि आ गया था या और पहलू भी देखे गए थे जैसे : विवाह उपरांत आर्थिक, शारीरिक व् मानसिक सुख, आयु-बल, संतान सम्बन्धी गढ़ना, स्वास्थय सम्बन्धी पहलू पर विचार किया गया था या नहीं,
पति-पत्नी के ग्रहो का आने वाले समय में एक दूसरे पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह सभी प्रकार की जानकारी विवाह पूर्व करना आवश्यक होता है।
कुछ ज्योतिषी ऐसे भी मिलेंगे जो केवल गुण मिलान के आधार पर (ज्योतिषीय आधार पर) विवाह के लिए अनुमति प्रदान कर देते हैं लेकिन उसमे ग्रहो का प्रभाव, शनि और गुरु की उपस्थिति, महादशा और अन्तर्दशा , कुंडली में उपस्थित गुण व् दोष, मांगलिक योग व् वैधव्य योग आदि पर ध्यान दिए जाना अति आवश्यक है। ऐसे ज्योतिषियों से दूरी बना लेना ही बेहतर होता है।
कुछ ज्योतिषी आपको ऐसे भी मिलेंगे जो आपको केवल नाम के आधार पर गुण-मिलान करके आपको विवाह की अनुमति दे देते हैं , लेकिन वह ये कैसे निर्धारित करेंगे की आगे विवाह उपरांत क्या घटित होगा?
यह एक तरह का मजाक है जैसे किसी एक कंपनी द्वारा बनाई गई कार पर हम दूसरी कंपनी का स्टिकर चिपका दे तो क्या उसकी कार्यशैली में बदलाव होगा? बिलकुल नहीं , यह एक तरह से दो व्यक्तिओ के जीवन को बर्बाद करना ही है। इसके लिए पूर्ण रूप से ज्योतिषी भी जिम्मेदार नहीं हैं क्युकी कुछ धन का लालच देकर या लालच में लोग ऐसा करते है कि बस किसी तरह विवाह संपन्न हो जाये और फिर विवाह उपरांत समस्या पर आने केवल ज्योतिषी को जिम्मेदार ठहरा दे।
अतः आपको विवाह पूर्व सभी प्रकार की गणनाएँ अवश्य करा लेनी चाहिए।
अब उन लोगो की बात करते हैं जिन्हे नहीं लगता की ज्योतिष का कोई प्रभाव व्यक्ति पर पड़ता है। लेकिन वह भी सूर्य की गर्मी और चन्द्रमा की ठंडक का अहसास अवश्य करते है। समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटे का चन्द्रमा से क्या सम्बन्ध है ये भी मानते है, किस प्रकार केवल चन्द्रमा के पृथ्वी के निकट आने और दूर जाने से समुद्र में उफान और गिरावट आती है।
किसी प्रकार से हड्डियों में दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह लेते हैं और डॉक्टर उन्हें दूध पीने या कैल्शियम टेबलेट खाने की सलाह देते हैं। अगर उसी समय ज्योतिषी की सलाह ली जाये तो वह आपको सूर्य ठीक करने की सलाह देते है जैसे सूर्य भगवान् को जल चढाने की सलाह, चने खाने की सलाह , इसमें भी जल चढ़ाते समय सूर्य की किरणों से आपको विटामिन डी प्राप्त होगा और अंत में वह भी शरीर में कैल्शियम की वृद्धि करेगा और चने भी आपके शरीर में कैल्शियम की ही वृद्धि करेंंगे।
जिन लोगो को ज्योतिष के उलट विज्ञानं पर भरोषा है उन्हें ये भी जान लेना चाहिए की ज्योतिष भी उन्ही ग्रहो पर आधारित गणित है जिनपर वह सारी जिंदगी फिजिक्स पढ़ते हैं।
अतः आप कुंडली का विश्लेषण कराकर या कुछ लक्षणों को समझकर अपनी समस्यायों को खुद दूर कर सकते हैं। अब कुछ लक्षणों को समझते हैं।
१. अगर शरीर में खून से सम्बंधित कोई समस्या है तो मंगल गृह के उपाय करे।
२. अगर फेफड़ो या शरीर में पानी से सम्बंधित कोई समस्या है तो चन्द्रमा के उपाय करे।
३. अगर त्वचा सम्बंधित कोई समस्या है तो बुध गृह के उपाय करे।
४. अगर हार्मोन सम्बन्धित समस्या है तो गुरु के उपाय करे।
५. अगर वायु सम्बंधित कोई समस्या है तो शनि गृह के उपाय करे।
६. अगर जीवनरस ( स्पर्म) या किसी विटामिन सम्बन्धी समस्या है तो शुक्र के उपाय करे।
७. अगर सम्मान सम्बन्धी कोई समस्या है तो सूर्य के उपाय करे।
८. अगर शत्रु सम्बन्धी या व्यापार में नुकसान उठा रहे है तो राहु के उपाय करे।
९. अगर लगातार बुखार या कोई बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही तो केतु के उपाय करे।
यह एक संक्षिप्त विवरण है अतः और भी पहलू उपाय से पूर्व देखना आवश्यक है लेकिन इन उपायों के द्वारा भी लाभ अवश्य मिलेगा।
प्रश्न 1: वास्तु के अनुसार जीवन में कौन-कौन सी सामान्य समस्याएं हो सकती हैं?
उत्तर: जीवन में कई सामान्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे धन की कमी, संबंधों में तकरार, स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं, शांति और मानसिक स्थिति में कमी आदि।
प्रश्न 2: वास्तु कैसे मदद कर सकता है समस्याओं को हल करने में?
उत्तर: वास्तु जीवन में समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है। यह सही ऊर्जा को संतुलित करके, नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करके और स्थान की विशेषताओं को सुधारकर समस्याओं का समाधान प्रदान करता है। उचित वास्तु से, आप अपने आस-पास के वातावरण को पुनर्जीवित कर सकते हैं और सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, और शांति को बढ़ा सकते हैं।
प्रश्न 3: धन की समस्या के लिए वास्तु टिप्स क्या हैं?
उत्तर: वास्तु के अनुसार धन की समस्या के लिए निम्नलिखित टिप्स आपकी मदद कर सकती हैं:
पूर्वाधिकारी स्थान को सुधारें और वास्तुदोषों को दूर करने के लिए उपाय अपनाएं।
घर के दक्षिण-पश्चिम भाग में वित्तीय स्थान को सुंदर और स्वच्छ रखें।
घर के उत्तर-पूर्व भाग में वास्तु के अनुसार धन की संचय करने के लिए विशेष स्थान व्यवस्था करें।
घर के पूजा स्थल में कुछ सोने या सुराग के सामग्री को रखें, जो धन की वृद्धि को प्रेरित करती हैं।
धन प्राप्ति के लिए धार्मिक अद्यतन करें और दान की व्यवस्था करें।
प्रश्न 4: संबंधों में समस्या के लिए वास्तु टिप्स क्या हैं?
किचन और बाथरूम के मध्य में सम्बंध स्थान का निर्माण करें, जो संबंधों को मजबूती और सुख-शांति देता है।
स्वप्नकक्ष या बेडरूम में केवल शांति और प्रेम के वास्तु वस्तुओं का उपयोग करें।
घर के पश्चिम भाग में स्थित शौचालय के वास्तु के नियमों का पालन करें, जो संबंधों में सुख और समृद्धि को बढ़ाता है।
घर के नैऋत्य क्षेत्र में कोई तीव्र वास्तुदोष न हो, जो संबंधों को प्रभावित कर सकता है।
प्रश्न 5: स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं के लिए वास्तु टिप्स क्या हैं?
आपके बेडरूम की स्थान और दिशा स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है, इसलिए सही वास्तु के अनुसार अपने बेडरूम को सम्बंधित टिप्स के अनुसार स्थापित करें।
अपने घर में स्वच्छता और साफ-सफाई को बनाए रखें, क्योंकि यह स्वास्थ्य और हमारे ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है।
घर के दक्षिण-पूर्व भाग में धातु से बनी सामग्री का उपयोग करें, जैसे कीटनाशक यंत्र और पूजा स्थल में लोहे की थाली, जो स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करती हैं।