Kemdrum Yog

  • Home
  • Blog
  • Kemdrum Yog
Kemdrum Yog jpeg e1695905516987

Kemdrum Yog

Kemdrum Yog -केमद्रुम योग

परिभाषा : यदि चन्द्रमा के दोनों ओर कोई ग्रह न हो तो केमद्रुम योग बनता है।

फल: जातक गन्दा, दुखी, अनुचित काम करने वाला, गरीब, दूसरे पर निर्भर, दुष्ट और ठग होगा ।

किसी भी प्रकार के योग की उपस्तिथि से ही केवल ये नहीं कहा जा सकता है की योग का पूरा फल आपको प्राप्त होगा , इसके लिए ग्रहो का बल और दूसरे ग्रहो की दृष्टि की गणना करना भी आवश्यक है |

विवरण : कुछ लेखकों का कहना है कि यदि जन्म लग्न या चन्द्रमा से केन्द्र में ग्रह हों या चन्द्रमा किसी ग्रह से युक्त हो तो केमद्रुम योग नहीं बनता। फिर भी कुछ अन्य लेखकों का मत है कि ये योग केन्द्र और नवांश से बनते हैं किन्तु यह मत सामान्यतः स्वीकार्य नहीं है।


वराहमिहिर इस बात पर जोर देते हैं कि राजकीय परिवारों में पैदा होने वाले व्यक्तियों की कुण्डली में इस प्रकार के योग बनते हों तो उनके मामले में साधारण परिवारों में पैदा होने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक दुर्भाग्य की भविष्यवाणी करनी चाहिए। दुःख का अर्थ शारीरिक तथा मानसिक दुःख होता है । मूलतः नीच शब्द का प्रयोग किया जाता है और इससे ऐसे कामों का सम्बन्ध होता है जो धर्म नैतिकता और सामाजिक व्यवस्था से मना है और इसे अपमानजनक माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories

Open chat
💬 Need help?
Namaste🙏
How i can help you?