Dhanvantari Puja Vidhi

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Dhanvantari Puja Vidhi

धन्वंतरि पूजा विधि-Dhanvantari Puja Vidhi

We are giving detailed Dhanvantari Puja Vidhi during Diwali which is observed on Dhanvantari Trayodashi day.

1. Achamana (आचमन)

Take clean water in right hand by five-vessel for three times to offer Achamana.

आचमन करने के लिए दाहिने हाथ में पांच पात्र में साफ पानी लेकर तीन बार आचमन करें।

Achamana Mantra in Hindi

Om Atma-Tattvam Shodhayami Swaha।

Om Vidya-Tattvam Shodhayami Swaha।

Om Shiva-Tattvam Shodhayami Swaha।

 

ॐ आत्म-तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।

ॐ विद्या-तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।

ॐ शिव-तत्त्वं शोधयामि स्वाहा।

2. Sankalpa (सङ्कल्प)

After performing Achamana, clean your right hand palm by taking water into it through five-vessel. Take fresh water, Akshata, flowers etc. into cleaned right hand palm and read Puja Sankalpa Mantra.

 

Om Tatsat Adyaitasya Brahmanoahni Dwitiya-Prahararddhe Shveta-Varaha-Kalpe
Jambu-Dvipe Bharata-Khande Amuka-Pradeshe Amuka-Punya-Kshetre Kaliyuge
Kali-Prathama-Charane Amuka-Samvatsare Kartika-Mase Krishna-Pakshe
Trayodashi-Tithau Amuka-Vasare Amuka-Gotrotpanno Amuka-Nama-Aham
Shri Dhanvantari-Devata-Priti-Purvakam Ayushya-Arogya-Eshvarya-Abhivriddhyartham
Shri Dhanvantari-Pujanamaham Karishyami।
ॐ तत्सत् अद्यैतस्य ब्राह्मणोअहनि द्वितीया-प्रहरार्धे श्वेत-वराह-कल्पे
जम्बू-द्वीपे भारत-खण्डे अमुका-प्रदेशे अमुका-पुण्य-क्षेत्रे कलियुगे
कलि-प्रथम-चरणे अमुक-संवत्सरे कार्तिक-मासे कृष्ण-पक्षे
त्रयोदशी-तिथौ अमुका-वासरे अमुका-गोत्रोत्पन्नो अमुका-नाम-अहम्
श्री धन्वंतरि-देवता-प्रीति-पूर्वकं आयुष्य-आरोग्य-ईश्वर्य-अभिवृद्धयर्थम
श्री धन्वन्तरि-पूजनमहं करिष्यामि।

संकल्प मंत्र हिंदी में-Sankalpa Mantra in Hindi

मन्त्र अर्थ – ॐ तत्सत् (ब्रह्म ही एक-मात्र सत्य है)। आज ब्रह्मा के प्रथम दिवस के इस दूसरे पहर में, श्वेत-वराह नामक कल्प में, ‘जम्बू’ नामक द्वीप में, ‘भरत’ के भू-खण्ड में, अमुक नामक ‘प्रदेश’ में, अमुक पवित्र ‘क्षेत्र’ में, ‘कलियुग’ में, ‘कलि’ के प्रथम चरण में, अमुक ‘सम्वत्सर’ में, कार्तिक ‘मास’ में, कृष्ण ‘पक्ष’ में, त्रयोदशी ‘तिथि’ में, अमुक ‘दिवस’ में, अमुक ‘मैं’ में उत्पन्न, अमुक ‘नाम’ वाला ‘मैं’, श्रीधन्वन्तरि देवता की प्रसन्नता-पूर्वक आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य की अभिवृद्धि के लिए मैं श्रीधन्वन्तरि की पूजा करूँगा।

इस प्रकार संकल्प पढ़कर दाहिने हाथ में लिया हुआ जल अपने सम्मुख छोड़ दे।

3. Atma-Shodhan (आत्म-शोधन)

After reading Sankalpa Patha sprinkle water on yourself and on Puja Fluid while chanting following Mantra.

 

Om Apavitrah Pavitro Va Sarvavastham Gatoapi Va।

Yah Smaret Pundarikaksham Sa Bahyabhyantarah Shuchih॥

Atma Shodhan Mantra in Hindi

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्ववस्थं गतोअपि वा।

यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षम् स बाह्यभ्यन्तरः शुचिः॥
संकल्प पाठ पढ़ने के बाद निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए अपने ऊपर और पूजा द्रव्य पर जल छिड़कें।

मन्त्र अर्थ – अपवित्र हो या पवित्र अथवा किसी भी दशा में हो, जो कमल-नयन इष्ट – देवता का स्मरण करता है, वह बाहर और भीतर दोनों प्रकार से पवित्र हो जाता है।

4. Dhyana (ध्यान)

After the self-purification, begin Puja with the meditation of Lord Dhanvantari. Dhyana should be done in already ignited Ghee lamp flame kept in front of you.

आत्मशुद्धि के बाद भगवान धन्वंतरि का ध्यान करके पूजा शुरू करें। ध्यान अपने सामने पहले से प्रज्वलित घी के दीपक की लौ में करना चाहिए।

 

Chaturbhujam Pita-Vastram Sarvalankara-Shobhitam।

Dhyaye Dhanvantarim Devam Surasura-Namaskritam॥1॥

Yuvanam Pundarikaksham Sarvabharana-Bhushitam।

Dadhanamamritasyaiva Kamandalum Shriya-Yutam॥2॥

Yagya-Bhoga-Bhujam Devam Surasura-Namaskritam।

Dhyaye Dhanvantarim Devam Shvetambara-Dharam Shubham॥3॥

चतुर्भुजं पिता-वस्त्रं सर्वालंकार-शोभितम्।

ध्याये धन्वंतरिं देवं सुरासुर-नमस्कृतम्॥1॥

युवानां पुंडरीकाक्षं सर्वाभरण-भूषितम्।

दधानामृतस्यैव कमंडलुम श्रिय-युतम्॥2॥

यज्ञ-भोग-भुजं देवं सुरासुर-नमस्कृतम्।

ध्याये धन्वन्तरिम् देवम् श्वेताम्बर-धरम् शुभम्॥3॥

मन्त्र अर्थ – मैं चार भुजाओंवाले, पीले वस्त्र पहने हुए, सभी प्रकार के आभूषणों से सुशोभित, सुरों और असुरों द्वारा वन्दित भगवान् धन्वन्तरि का ध्यान करता हूँ॥1॥

तरुण, कमल-नयन, सभी अलंकारों से विभूषित, अमृत-पूर्ण कमण्डलु लिये हुए, यज्ञ-भाग को खानेवाले, देवों और दानवों से वन्दित, श्री से युक्त, भगवान् धन्वन्तरि का मैं ध्यान करता हूँ॥2-3॥

5. Avahana (आवाहन)

After Dhyana of Shri Dhanvantari Devata, one should chant following Mantra in front of ignited Ghee lamp flame, by showing Avahan Mudra (Avahan Mudra is formed by joining both palms and folding both thumbs inwards).

 श्री धन्वंतरि देवता का ध्यान करने के बाद प्रज्वलित घी के दीपक की लौ के सामने आवाहन
मुद्रा (दोनों हथेलियों को जोड़ने और दोनों अंगूठों को अंदर की ओर मोड़ने से आवाहन मुद्रा बनती है)
दिखाकर निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए।

 

Agachchha Deva-Devesha! Tejorashe Jagatpate!

Kriyamanam Maya Pujam Grihana Sura-Sattama!

॥Shri Dhanvantari-Devam Avahayami॥

Avahana Mantra in Hindi

आगच्छ देव-देवेश! तेजोराशे जगत्पते!

क्रियमाणं मया पूजं गृहाणा सुरा-सत्तम!

॥श्री धन्वन्तरि-देवं आवाहयामि॥

मन्त्र अर्थ – हे देवताओं के ईश्वर! तेज-सम्पन्न हे संसार के स्वामिन्! हे देवोत्तम! आइये, मेरे द्वारा की जानेवाली पूजा को स्वीकार करें।

॥मैं भगवान् श्रीधन्वन्तरि का आवाहन करता हूँ॥

Mantra Translation – O God of Gods! O splendid Shri Dhanvantari! Worshipped by Gods! Please come and accept the Puja offered by me. Thus, I invoke Lord Shri Dhanvantari.

6. Pushpanjali (पुष्पाञ्जलि)

After Shri Dhanvantari has been invoked, take five flowers in Anjali (by joining palm of both hands) and leave them in front of the you to offer seat to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

श्री धन्वंतरि का आह्वान करने के बाद अंजलि में पांच फूल लें (दोनों हाथों की हथेली जोड़कर) 
और उन्हें निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को आसन देने के लिए अपने सामने छोड़ दें।

 

Nana-Ratna-Samayuktam, Karta-Swara-Vibhushitam।

Asanam Deva-Devesha! Prityartham Prati-Grihyatam॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Asanarthe Pancha-Pushpani Samarpayami॥

Pushpanjali Mantra in Hindi

नाना-रत्न-संयुक्तम्, कर्ता-स्वर-विभूषितम्।

असनम देव-देवेश! प्रीत्यर्थं प्रति-गृह्यतम॥

॥श्री धन्वंतरि-देवाय असनार्थे पंच-पुष्पाणि समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – हे देवताओं के ईश्वर! विविध प्रकार के रत्न से युक्त स्वर्ण-सज्जित आसन को प्रसन्नता हेतु ग्रहण करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के आसन के लिये मैं पाँच पुष्प अर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – O God of Gods! Please take the seat which is decorated with gold and various types of jewels for my pleasure. Thus, I offer five flowers for the seat of Lord Shri Dhanvantari.

7. Swagat (स्वागत)

After offering flowers-made seat to Shri Dhanvantari, chant following Mantra with folded hands to welcome Shri Dhanvantari.

श्री धन्वंतरि को पुष्प निर्मित आसन अर्पित करने के बाद हाथ जोड़कर श्री धन्वंतरि के स्वागत में निम्नलिखित मंत्र का जाप करें।

Swagat Mantra in Hindi

Shri Dhanvantari-Deva! Swagatam।

मन्त्र अर्थ – हे भगवान् धन्वन्तरि! आपका स्वागत है।

Mantra Translation – O Dhanvantari Deva! I welcome you.

8. Padya Samarpan (पाद्य-समर्पण)

After welcoming Shri Dhanvantari offer Him water to wash the feet while chanting following Mantra.

श्री धन्वंतरि का स्वागत करने के बाद उन्हें निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए पैर धोने के लिए जल अर्पित करें।

 

Padyam Grihana Devesha, Sarva-Kshema-Samartha, Bhoh!

Bhaktya Samarpitam Deva, Lokanatha! Namoastu Te॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Padyam Namah॥

Padya Mantra in Hindi

पद्यं गृहाणा देवेश, सर्व-क्षेम-समर्थ, भोह!

भक्तया समर्पितं देवा, लोकनाथ! नमोअस्तु ते॥

॥श्री धन्वंतरि-देवाय पद्यं नमः॥

मन्त्र अर्थ – सब प्रकार के कल्याण करने में सक्षम हे देवेश्वर! पैर धोने का जल भक्ति-पूर्वक समर्पित है। उसे स्वीकार करें। हे विश्वेश्वर भगवन्! आपको नमस्कार है।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि को पैर धोने के लिये यह जल है-उन्हें नमस्कार॥

Mantra Translation – O God of Gods, who is capable of doing all sorts of welfare! I offer the water to wash the feet with full devotion, please accept it. O Shri Dhanvantari! I pay my obeisance to you. Thus, it is the water to wash the feet of Shri Dhanvantari and I greet Him.

9. Arghya-Samarpan (अर्घ्य-समर्पण)

After Padya offering, offer water to Shri Dhanvantari for head Abhishekam while chanting following Mantra.

पाद्य अर्पण के बाद निम्न मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि के मस्तक अभिषेक हेतु जल अर्पित करें।

 

Namaste Deva-Devesha! Namaste Dharani-Dhara!

Namaste Jagadadhara! Arghyoayam Prati-Grihyatam।

Gandha-Pushpakshatairyuktam, Phala-Dravya-Samanvitam।

Grihana Toyamarghyartham, Parameshwara Vatsala!

॥Shri Dhanvantari-Devaya Arghyam Swaha॥

Arghya Mantra in Hindi

नमस्ते देवा-देवेशा! नमस्ते धरणी-धरा!

नमस्ते जगदाधर! अर्घ्योयं प्रति-गृह्यतम।

गंध-पुष्पक्षतैरयुक्तम्, फल-द्रव्य-समन्वितम्।

गृहाणा तोयमर्घ्यर्थम्, परमेश्वर वत्सला!

॥श्री धन्वंतरि-देवाय अर्घ्यं स्वाहा॥

मन्त्र अर्थ – हे देवेश्वर! आपको नमस्कार। हे धरती को धारण करनेवाले! आपको नमस्कार। हे जगत् के आधार-स्वरूप! आपको नमस्कार। शिर के अभिषेक के लिये यह जल (अर्घ्य) स्वीकार करें। हे कृपालु परमेश्वर! चन्दन-पुष्प-अक्षत से युक्त, फल और द्रव्य के सहित यह जल शिर के अभिषेक के लिये स्वीकार करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये अर्घ्य समर्पित है॥

Mantra Translation – O Shri Dhanvantari! I greet You. I salute the God of Gods who bearing or sustaining the earth! Support of the universe! I salute you. Please accept the water for head Abhishekam. O welfare-doing supreme God! Please accept the water, mixed with Chandan, flower and rice for head Abhishekam along with fruit and other liquids. Thus, I deliver Arghya for Shri Dhanvantari.

10. Gandha-Samarpan/Chandan-Samarpan (गन्ध-समर्पण/चन्दन-समर्पण)

Offer Chandan to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को चंदन अर्पित करें।

 

Shri-Khanda-Chandanam Divyam Gandhadhyam Sumanoharam।

Vilepanam Sura-Shreshtha! Chandanam Prati-Grihyatam॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Chandanam Samarpayami॥

Gandha Samarpan Mantra in Hindi

मन्त्र अर्थ – हे देवोत्तम! मनोहर और सुगन्धित चन्दन शरीर में लगाने हेतु ग्रहण करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये चन्दन समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – O Sura-Shreshtha! Please accept delightful and aromatic sandal paste to anoint the body. Thus, I offer sandal paste to Shri Dhanvantari.

11. Pushpa-Samarpan (पुष्प-समर्पण)

Offer flowers to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Pushpa Samarpan Mantra in Hindi

Sevantika-Vakula-Champaka-Patabjaih, Punnaga-Jati-Karavira-Rasala-Pushpaih।

Vilva-Pravala-Tulasi-Dala-Mallikabhistvam, Pujayami Jagadishwara! Me Prasida॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Pushpam Samarpayami॥

निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को पुष्प अर्पित करें।

पुष्प समर्पण मंत्र हिंदी में

सेवंतिका-वकुला-चंपक-पतबजैः, पुन्नगा-जाति-कारवीरा-रसाला-पुष्पैः।

विल्व-प्रवला-तुलसी-दला-मल्लिकाभिस्तवम्, पूज्यामि जगदीश्वर! मे प्रसिदा॥

॥श्री धन्वंतरि-देवाय पुष्पं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – हे लोकेश्वर! श्वेत गुलाब (सेमन्ती), बकुल, चम्पा, लाल-पीला कमल, पुन्नाग (लोध्र), मालती, कनेर पुष्पों और बेल, मूँगे, तुलसी तथा मालती की पत्तियों द्वारा मैं आपकी पूजा करता हूँ। मुझ पर आप प्रसन्न हों।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये पुष्प समर्पित करता हूँ॥

12. Dhoop-Samarpan (धूप-समर्पण)

Offer Dhoop to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Dhoop Samarpan Mantra in Hindi

Vanaspati-Rasodbhuto Gandhadhyah Sumanoharah।

Aghreyah Sarva-Devanam, Dhupoayam Prati-Grihyatam॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Dhoopam Samarpayami॥

निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को धूप अर्पित करें।

धूप समर्पण मंत्र हिंदी में

वनस्पति-रसोद्भूतो गंधाध्यः सुमनोहरः।

अघ्रेयः सर्व-देवानां, धूपोयं प्रति-गृह्यतम॥

॥श्री धन्वंतरि-देवाय धूपं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – वृक्षों के रस से बनी हुई, सुन्दर, मनोहर, सुगन्धित और सभी देवताओं के सूँघने के योग्य यह धूप आप ग्रहण करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये मैं धूप समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – Please accept this beautiful, charming, aromatic Dhoop which is made of trees’ sap and qualified for inhaling by all Gods. Thus, I offer Dhoop for Shri Dhanvantari.

13. Deep-Samarpan (दीप-समर्पण)

Offer Deep to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Deep Samarpan Mantra in Hindi

Sajyam Varti-Samyuktam Cha Vahnina Yojitam Maya,

Deepam Grihana Devesha! Trailokya-Timirapaham।

Bhaktya Deepam Prayachchhami Devaya Paramatmane।

Trahi Maam Nirayad Ghoraddipoayam Prati-Grihyatam॥

॥Shri Dhanvantari-Devaya Deepam Samarpayami॥

निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को दीप अर्पित करें।

दीप समर्पण मंत्र हिंदी में

सज्यं वर्ती-संयुक्तं च वह्निना योजितं मया,

दीपं गृहाणा देवेशा! त्रैलोक्य-तिमिरापहम्।

भक्त्या दीपं प्रयच्छमि देवाय परमात्मने।

त्राहि माम् निरयद् घोरद्दीपोयं प्रति-गृह्यतम॥

॥श्री धन्वंतरि-देवाय दीपं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – हे देवेश्वर! घी के सहित और बत्ती से मेरे द्वारा जलाया हुआ, तीनो लोकों के अँधेरे को दूर करनेवाला दीपक स्वीकार करें। मैं भक्ति-पूर्वक परमात्मा भगवान् को दीपक प्रदान करता हूँ। इस दीपक को स्वीकार करें और घोर नरक से मेरी रक्षा करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये मैं दीपक समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – O God of Gods! Please accept the lamp with Ghee and lighten by me with cotton-wick, which can remove darkness from three worlds. I offer the lamp to superior to the superior Shri Dhanvantari Deva with full devotion. Thus, I offer Deepak for Shri Dhanvantari.

14. Naivedya-Samarpan (नैवेद्य-समर्पण)

Offer Naivedya to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Naivedya Samarpan Mantra in Hindi

Sharkara-Khanda-Khadyani Dadhi-Kshira-Ghritani Cha।

Aharo Bhakshya-Bhojyam Cha Naivedyam Prati-Grihyatam।

॥Yathamshatah Shri Dhanvantari-Devaya Naivedyam Samarpayami–

Om Pranaya Swaha। Om Apanaya Swaha। Om Vyanaya Swaha।

Om Udanaya Swaha। Om Samanaya Swaha॥

निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को नैवेद्य अर्पित करें।

नैवेद्य समर्पण मंत्र हिंदी में

शार्करा-खण्ड-खाद्यनि दधि-क्षीर-घृतनि च।

अहरो भक्ष्य-भोज्यं च नैवेद्यं प्रति-गृह्यतम।

॥यथम्शतः श्री धन्वंतरि-देवाय नैवेद्यं समर्पयामि–

ॐ प्रणय स्वाहा। ॐ अपानय स्वाहा। ॐ व्यानाय स्वाहा।

ॐ उदानाय स्वाहा। ॐ समानाय स्वाहा॥

मन्त्र अर्थ – शर्करा-खण्ड (बताशा आदि), खाद्य पदार्थ, दही, दूध और घी जैसी खाने की वस्तुओं से युक्त भोजन आप ग्रहण करें।

॥यथा-योग्य रूप भगवान् श्रीधन्वन्तरि को मैं नैवेद्य समर्पित करता हूँ-प्राण के लिये, अपान के लिये, व्यान के लिये, उदान के लिये और समान के लिये स्वीकार हो॥

Mantra Translation – Please accept the offered meal which includes sugar made sweets and other eatable and drinkable items with curd, milk and Ghee. I offer Naivedya to, thus qualified, Shri Dhanvantari. Please accept it for all five vital airs of the body, namely Prana, Apana, Samana, Udana and Vyana.

15. Achamana-Samarpan/Jal-Samarpan (आचमन-समर्पण/जल-समर्पण)

Now offer water to Shri Dhanvantari for Achamana while chanting following Mantra.

Achamana Samarpan Mantra in Hindi

Tatah Paniyam Samarpayami Iti Uttaraposhanam।

Hasta-Prakshalanam Samarpayami। Mukha-Prakshalanam।

Karodvartanarthe Chandanam Samarpayami।

अब निम्न मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को आचमन के लिए जल अर्पित करें।

आचमन समर्पण मंत्र हिंदी में

ततः पनीयं समर्पयामि इति उत्तरपोषनम्।

हस्त-प्रक्षालनं समर्पयामि। मुख-प्रक्षालनम्।

करोद्वर्तनार्थे चन्दनं समर्पयामि।

मन्त्र अर्थ – नैवेद्य के बाद मैं पीने और आचमन (उत्तरा-पोशन) के लिये, हाथ धोने के लिये, मुख धोने के लिये जल और हाथों में लगाने के लिये चन्दन समर्पित करता हूँ।

Mantra Translation – After Naivedya I offer the water for drinking and Achamana (sipping water from the palm of the hand for purification), for cleaning hands, for cleaning face; along with sandal paste for anointing hands.

16. Tambula-Samarpan (ताम्बूल-समर्पण)

Now offer Tambula (Paan with betel nuts) to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Tambula Samarpan Mantra in Hindi

Poogi-Phalam Maha-Divyam Naga-Valli-Dalairyutam।

Karpuraila-Samayuktam Tambulam Prati-Grihyatam॥

॥Shri Dhanvantari Devaya Mukha-Vasartham Poogi-Phala-Yuktam Tambulam Samarpayami॥

अब निम्न मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को ताम्बूल (सुपारी वाला पान) अर्पित करें।

तंबुला समर्पण मंत्र हिंदी में

पूगी-फलं महा-दिव्यं नागा-वल्ली-दलैरियुतम।

कर्पुरैल-समययुक्तं ताम्बूलं प्रति-गृह्यतम॥

॥श्री धन्वंतरि देवाय मुख-वसार्थं पूगी-फला-युक्तं ताम्बुलम समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – पान के पत्तों से युक्त अत्यन्त सुन्दर सुपाड़ी, कपूर और इलायची से प्रस्तुत ताम्बूल आप स्वीकार करें।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के मुख को सुगन्धित करने के लिये सुपाड़ी से युक्त ताम्बूल मैं समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – O God of Gods, Please accept Tambula made of betel leaves, fortified with highly refined betel nuts, camphor and cardamom. Thus I offer Tambula with betel-nuts for mouth refreshment of Shri Dhanvantari.

17. Dakshina (दक्षिणा)

Now offer Dakshina (gift) to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Dakshina Mantra in Hindi

Hiranya-Garbha-Garbhastham Hema-Vijam Vibhavasoh।

Ananta-Punya-Phaladamatah Shantim Prayachchha Me॥

॥Shri Dhanvantari Devaya Suvarna-Pushpa-Dakshinam Samarpayami॥

अब निम्न मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को दक्षिणा अर्पित करें।

दक्षिणा मंत्र हिंदी में

हिरण्य-गर्भ-गर्भस्थं हेमा-विजं विभावसो:।

अनंत-पुण्य-फलदामातः शांतिं प्रयच्छ मे॥

॥श्री धन्वंतरि देवाय सुवर्ण-पुष्प-दक्षिणं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – असीम पुण्य प्रदान करनेवाले स्वर्ण-गर्भित चम्पक पुष्प से मुझे शान्ति प्रदान करिये।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये मैं स्वर्ण-पुष्प-रुपी दक्षिणा प्रदान करता हूँ॥

Mantra Translation – O God of Gods! You bestow endless blessing, please give me peace with gold-filled Champak flower. Thus, I offer gold like flower as gift to Shri Dhanvantari.

18. Pradakshina (प्रदक्षिणा)

Now offer symbolic Pradakshina (circumambulate from left to right of Shri Dhanvantari) with flowers while chanting following Mantra.

Pradakshina Mantra in Hindi

Yani Kani Cha Papani Janmantara-Kritani Cha।

Tani Tani Vinashyanti Pradakshinam Pade Pade॥

Anyatha Sharanam Nasti Tvameva Sharanam Prabho!

Tasmat Karunya-Bhavena Kshamasva Parameshwara॥

॥Shri Dhanvantari Devaya Pradakshinam Samarpayami॥

अब निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए फूलों के साथ श्री धन्वंतरि की प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा (बाएं से दाएं परिक्रमा) करें।

प्रदक्षिणा मंत्र हिंदी में

यानि कानि च पापानि जन्मन्तर-कृतानि च।

तानि तानि विनश्यन्ति प्रदक्षिणं पदे पदे॥

अन्यथा शरणं नास्ति त्वमेव शरणं प्रभो!

तस्मात् कारुण्य-भावेन क्षमास्व परमेश्वर॥

॥श्री धन्वन्तरि देवाय प्रदक्षिणं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – पिछले जन्मों में जो भी पाप किये होते हैं, वे सब प्रदक्षिणा करते समय एक-एक पग पर क्रमशः नष्ट होते जाते हैं। हे प्रभो! मेरे लिये कोई अन्य शरण देनेवाला नहीं है, तुम्हीं शरण-दाता हो। अतः हे परमेश्वर! दया-भाव से मुझे क्षमा करो।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि को मैं प्रदक्षिणा समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – Sins, whatever it may be done in this and earlier births all of them be destroyed by the self circumambulation at every step. O Lord, please show mercy on me as there is no one but you, I prostrate in front of you, to kill all my sins and to seek Your blessings. Thus, I offer Pradakshina to Shri Dhanvantari.

19. Vandana-Sahita Pushpanjali (वन्दना-सहित पुष्पाञ्जलि)

Now perform Vandana and offer flowers to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Vandana Sahit Pushpanjali Mantra in Hindi

Kara-Kritam Va Kayajam Karmajam Va, Shravana-Nayanajam Va Manasam Vaaparadham।

Viditamaviditam Va Sarvametat Kshamasva, Jai Jai Karunabdhe, Shri Maha Deva Shambho!

॥Shri Dhanvantari Devatayai Mantra-Pushpam Samarpayami॥

अब निम्न मंत्र का जाप करते हुए वंदना करें और श्री धन्वंतरि को पुष्प अर्पित करें।

वंदना सहित पुष्पांजलि मंत्र हिंदी में

कर-कृतं वा कायजं कर्मजं वा, श्रवण-नयनजं वा मनसं वपराधम्।

विदितमाविदितम् वा सर्वमेतत् क्षमास्व, जय जय करुणावधे, श्री महा देवा शम्भो!

॥श्री धन्वंतरि देवतायै मंत्र-पुष्पं समर्पयामि॥

मन्त्र अर्थ – हे दया-सागर, श्री महा-देव, कल्याण-कर! हाथों-पैरों द्वारा किये हुए या शरीर या कर्म से उत्पन्न, कानों-आँखों से उत्पन्न या मन के जो भी ज्ञात या अज्ञात मेरे अपराध हों, उन सबको आप क्षमा करें। आपकी जय हो, जय हो।

॥भगवान् श्रीधन्वन्तरि के लिये मैं मन्त्र-पुष्पाञ्जलि समर्पित करता हूँ॥

Mantra Translation – Whatever sins have committed by actions performed by my hands and feet, produced by my body or works, produced by my ears and eyes, or sins committed by my mind knowingly or unknowingly, please forgive them all. Victory, victory to You, O Mahadeva, please protect me. Thus, I offer flowers to Shri Dhanvantari.

20. Sashtanga-Pranam (साष्टाङ्ग-प्रणाम)

Now offer Sashtanga Pranam (Pranam which is done with eight limbs) to Shri Dhanvantari while chanting following Mantra.

Sashtanga Pranam Mantra in Hindi

Namah Sarva-Hitarthaya Jagadadhara-Hetave।

Sashtangoayam Prayatnena Maya Kritah॥

Namoastvanantaya Sahasra-Murtaye Sahasra-Padakshi-Shiroru-Bahave।

अब निम्नलिखित मंत्र का जाप करते हुए श्री धन्वंतरि को साष्टांग प्रणाम (आठ अंगों से किया जाने वाला प्रणाम) अर्पित करें।

साष्टांग प्रणाम मंत्र हिंदी में

नमः सर्व-हितार्थाय जगदाधर-हेतवे।

साष्टांगोयम् प्रयत्नेन मया कृतः॥

नमोअस्तवनन्ताय सहस्र-मूर्तये सहस्र-पदाक्षी-शिरोरू-बहावे।

मन्त्र अर्थ – सभी का कल्याण करनेवाले, जगत् के आधारभूत आपके लिये मैंने प्रयत्न-पूर्वक यह साष्टाङ्ग प्रणाम किया है-अनन्त भगवान् के लिये, सहस्रों स्वरुपवाले भगवान् के लिये, सहस्रों पैर-आँख-शिर-ऊर और बाहुवाले भगवान् के लिये नमस्कार है।

21. Kshama-Prarthana (क्षमा-प्रार्थना)

Now seek pardon from Shri Dhanvantari for any known-unknown mistakes done during Puja while chanting following Mantra.

अब पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्र का जाप करते समय हुई किसी भी ज्ञात-अज्ञात गलती के लिए श्री धन्वंतरि से क्षमा मांगें।

 

 

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