दीपावली 2023 – ( Deepawali 2023)
हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाले दीपावली के त्योहार का समय आगया है। इस साल, दीपावली का आयोजन 12 नवंबर 2023, रविवार को होगा। यह पाँच दिनों तक चलेगा, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज शामिल हैं।
दीपावली का महत्व- The Importance of Diwali
दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली को रोशनी, उल्लास और शुभकामनाओं का प्रतीक माना जाता है।
दीपावली का महत्व निम्नलिखित है– The Importance of Diwali is Given Below
अंधकार पर प्रकाश की विजय: दीपावली को अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों, दुकानों और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। दीपक प्रकाश का प्रतीक है और अंधकार का प्रतीक है। इसलिए, दीपावली के दिन दीपक जलाकर लोग अंधकार पर प्रकाश की विजय का जश्न मनाते हैं।
बुराई पर अच्छाई की विजय: दीपावली को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम अयोध्या लौटकर आये थे। भगवान राम को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है और रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, दीपावली के दिन भगवान राम की पूजा करके लोग बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाते हैं।
धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति: दीपावली को धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन लोग लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी हैं और गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। इसलिए, दीपावली के दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करके लोग धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति की कामना करते हैं।
दीपावली का त्योहार लोगों के लिए एक विशेष अवसर होता है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाई और पकवान खाते हैं, और आतिशबाजी करते हैं। दीपावली का त्योहार लोगों में भाईचारे और प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है।
दीपावली: धन, समृद्धि, और खुशियों का उत्सव
दीपावली एक ऐसा त्योहार है जो धन, सुख-समृद्धि, और खुशहाली की भरपूर शुभकामनाएं लेकर आता है। इस दिन लोग नए सामान की खरीदारी करते हैं और मिठाई, पकवान, और विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
दीपावली 2023 के मुहूर्त- Deewali 2023 Muhurat
पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या 12 नवंबर 2023, रविवार, दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर 2023, सोमवार, दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी।
दीपावली के शुभ मुहूर्त- The auspicious timings for Diwali
लक्ष्मी पूजा: सुंदरता और शुभता का महत्वपूर्ण त्योहार
लक्ष्मी पूजा को समर्पित करने के लिए सही मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे शाम 5:07 बजे से 7:15 बजे तक मनाना शुभ माना गया है।
आरंभ: 12 नवंबर 2023, रविवार, दोपहर 2:44 बजे
समाप्त: 13 नवंबर 2023, सोमवार, दोपहर 2:56 बजे
लक्ष्मी पूजा का विशेष समय- Auspicious Worship Time for Laxmi Poojan
शाम 05:39 से रात 07:35 तक (12 नवंबर 2023)
अवधि: 01 घंटा 56 मिनट
अन्य महत्वपूर्ण मुहूर्त- Other Auspious Muhurat
प्रदोष काल: शाम 05:29 से रात 08:08 तक
वृषभ काल: शाम 05:39 से रात 07:35 तक
निशिता काल मुहूर्त: रात 11:39 से 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32 तक (अवधि: 53 मिनट)
सिंह लग्न: प्रात: 12:10 से प्रात: 02:27 तक (13 नवंबर 2023)
इस दीपावली, इन शुभ मुहूर्तों का उपयोग करके अपने घर को माँ लक्ष्मी की कृपा से भर दें और नए साल की शुरुआत को धन, समृद्धि, और सुख के साथ करें।
दीपावली के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त: लक्ष्मी पूजा का अद्वितीय अनुभव
अपराह्न मुहूर्त (शुभ):
दोपहर 02:44 से दोपहर 02:47 तक (12 नवंबर 2023)
सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर):
शाम 05:29 से रात 10:26 तक (12 नवंबर 2023)
रात्रि मुहूर्त (लाभ):
प्रात: 01:44 से प्रात: 03:24 तक (13 नवंबर 2023)
उषाकाल मुहूर्त (शुभ):
प्रात: 05:06 से 06:45 तक (13 नवंबर 2023)
नोट:
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल के दौरान होता है।
निशिता काल मुहूर्त मध्यरात्रि में होता है।
चौघड़िया मुहूर्त एक घंटे का होता है।
दीपावली में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का महत्व
दीपावली पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लेकर चंद्रोदय तक का समय होता है। इस समय में लक्ष्मी पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा करने का एक अन्य कारण यह भी है कि इस समय में स्थिर लग्न होती है। स्थिर लग्न को लक्ष्मी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए इस समय में लक्ष्मी पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं।
दीपावली 2023 में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
दीपावली 2023 में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:39 से रात 7:35 तक है। इस दौरान आप लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजा विधि
दीपावली पर लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे पहले घर को साफ-सुथरा कर लें। फिर, पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या तस्वीरें स्थापित करें। इसके बाद, धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, और माला अर्पित करें। फिर, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें। अंत में, प्रसाद बांटें।
दीपावली पर क्या करें क्या नहीं- Do & Don’t Do
दीपावली पर घर के अंदर और बाहर दीपक जलाएं।
दीपावली पर नए कपड़े पहनें।
दीपावली पर मिठाई, पकवान और अन्य व्यंजनों का आनंद लें।
दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें।
दीपावली पर निम्नलिखित कार्य करने से बचें- Avoid this things on Deewali
दीपावली पर किसी को उधार न दें।
दीपावली पर झूठ न बोलें।
दीपावली पर किसी को अपशब्द न कहें।
दीपावली पर किसी का अपमान न करें।
दिवाली पूजा के लिए सामग्री सूची 2023 (Diwali 2023 Puja Samagri List)
मां लक्ष्मी, गणेश जी, माता सरस्वती और कुबेर देव की मूर्ति
इस दिवाली, जब आप मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करने के लिए तैयार हो रहे हैं, तो यहां है एक सूची जो आपको उन्हें समर्पित करने के लिए आवश्यक सामग्री की महत्वपूर्ण सूची है:
पूजा सामग्री-
मूर्तियाँ: मां लक्ष्मी, गणेश जी, माता सरस्वती और कुबेर देव की मूर्तियाँ
पूजा के फूल: अक्षत्, लाल फूल, कमल के और गुलाब के फूल
पूजा आर्टिकल्स: माला, सिंदूर, कुमकुम, रोली, चंदन, पान का पत्ता, सुपारी
बर्तन और खाद्य सामग्री: केसर, फल, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, धान का लावा, बताशा, मिठाई, खीर, मोदक, लड्डू, पंच मेवा
मिठा स्वाद: शहद, इत्र, गंगाजल, दूध, दही, तेल, शुद्ध घी
अन्य सामग्री: कलावा, पंच पल्लव, सप्तधान्य
पूजा के उपकरण: कलश, पीतल का दीपक, मिट्टी का दिया, रुई की बत्ती, नारियल, लक्ष्मी और गणेश के सोने या चांदी के सिक्के, धनिया
पूजा के स्थान की सजावट: आसन के लिए लाल या पीले रंग का कपड़ा, लकड़ी की चौकी, आम के पत्ते
धूप सामग्री: लौंग, इलायची, दूर्वा आदि।
दिवाली 2023 पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi 2023)
इस दिवाली, लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा को सही ढंग से करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
पूजा की तैयारी
साफ-सफाई: पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं.
पूजा स्थल सजाएं: चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें और कलश को अनाज के बीच में रखें.
कलश में सामग्री डालें: कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें.
आम के पत्ते और मूर्तियाँ रखें: कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें, देवी लक्ष्मी की मूर्ति और भगवान गणेश की मूर्ति भी रखें.
थाली सजाएं: एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें.
अर्थिक सामग्री प्रदर्शित करें: अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें.
पूजा का आरंभ
मूर्तियों की पूजा: देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं.
कलश पर तिलक: कलश पर भी तिलक लगाएं.
फूल चढ़ाएं: भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं.
पूजा सामग्री से स्नान: पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें और मूर्तियों को स्नान कराएं.
पूजा सामग्री से पूजा: मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें।
धूप और आरती: माला को देवी के गले में डालें और अगरबत्ती जलाएं। नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
आरती करें: देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें, थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।
इस दिवाली, यह पूजा विधि आपके घर में धन, समृद्धि, और शांति का आभास कराएगी।
दीपावली पूजा मंत्र (Diwali Puja Mantra) – सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए
मां लक्ष्मी मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥
श्री गणेश मंत्र
गजाननम्भूतगभू गणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
दीपावली, जो धरती पर आत्मा की ऊर्जा को पुनः जगाती है, उसे मनाने का समय है। यह विशेष त्योहार हमें नए आरंभों की ओर मोड़ने का भी मौका प्रदान करता है। दीपावली पूजा मंत्रों का उच्चारण एक शक्तिशाली पूजन विधि है जो सुख, समृद्धि, और धन की प्राप्ति में सहायक हो सकती है।
दिवाली में क्या करें?
दिवाली के दिन, प्रातःकाल स्नान करने के बाद सुंदर वस्त्रों में धारण करें। दिन में अच्छे पकवान बनाएं और घर को सजाएं, इससे घर में पॉजिटिव ऊर्जा बढ़ेगी। अपने बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करें और शाम को पूजा से पहले पुनः स्नान करें। लक्ष्मी-गणेश की पूजा विधि का पालन करें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और गद्दी को विधिपूर्वक पूजित करें। घर के मुख्य द्वार पर दिपक जलाएं, जो समृद्धि का प्रतीक है।
दिवाली में क्या न करें?
इस पवित्र दिन पर, घर के प्रवेश द्वार पर और घर के अंदर कहीं भी गंदगी न रखें, इससे शुभता बनी रहेगी। किसी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ न लौटाएं, यह दान का महत्वपूर्ण समय है। जुआ न खेलें, शराब पीने और मांसाहारी भोजन से बचें। भगवान गणेश की मूर्ति में सूंड बायीं ओर रखें, इससे धन का संरक्षण हो सकता है। लेदर से बने तोहफे, धारदार तोहफे उपयोग न करें। पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें, वहां दिए में इतना घी या तेल डालें कि पूरी रात जलता रहे।
दिवाली उपाय (Diwali 2023 Upay)
दीपावली की रात, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग अर्पित करें। लक्ष्मी जी को खीर या दूध से बनी सफेद मिठाई का भोग लगाएं, गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और उनको मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। कुबेर देवता को साबुत धनिया से चढ़ाएं। माना जाता है कि इस से लक्ष्मी-गणेश और कुबेर प्रसन्न होंगे और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।
लक्ष्मी पूजा की विधि- The procedure of Lakshmi Puja
लक्ष्मी पूजा की शुरुआत एक साफ-सुथरे घर से होती है। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर, उस पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां या तस्वीरें स्थापित की जाती हैं। इसके बाद, धूप, दीप, नैवेद्य, फूल, और माला से पूजा की जाती है। फिर, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती की जाती है। अंत में, प्रसाद बांटा जाता है।
सामग्री- Pooja Articles
लक्ष्मी यंत्र
गंगाजल
रोली
चावल
पुष्प
दीपक
धूप
अगरबत्ती
मिठाई
फल
धनिया
पान का पत्ता और सुपारी
नारियल
कलश
पूजा विधि: Worship Procedure
- सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
- कलश को चौकी के मध्य में रखें। कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें।
- बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- अब एक छोटी-सी थाली में चावल के दानों का एक छोटा सा पहाड़ बनाएं, हल्दी से कमल का फूल बनाएं, कुछ सिक्के डालें और मूर्ति के सामने रखें दें।
- इसके बाद अपने व्यापार/लेखा पुस्तक और अन्य धन/व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को मूर्ति के सामने रखें।
- अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को तिलक करें और दीपक जलाएं। साथ ही कलश पर भी तिलक लगाएं।
- इसके बाद भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं और पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें।
- अपनी आंखें बंद करें और लक्ष्मी पूजा मंत्र का जाप करें। हथेली में रखे फूल को भगवान गणेश और लक्ष्मी जी को चढ़ाएं।
- लक्ष्मी जी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। मूर्ति को फिर से पानी से स्नान कराकर, एक साफ कपड़े से पोछें और वापस रख दें।
- मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें। माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं।
- फिर नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
- देवी की मूर्ति के सामने कुछ फूल और सिक्के रखें।
- थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें।
लक्ष्मी पूजा मंत्र: Laxmi Pooja Mantra
ॐ श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम:
लक्ष्मी आरती- Laxmi Ji Aarti
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता तुम शत्रु दमनकारी, तुम सबकी रक्षाता ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम सिंहासन पर विराजो, करो सब पर दया तुम बिना सुख ना पाए, कोई भी जग में ॐ जय लक्ष्मी माता
तुमको शंख, चक्र, गदा, धनुष बाण सुहाता तुमको कमल है प्यारा, तुमको भोग लगाता ॐ जय लक्ष्मी माता
तुमको नारियल चढ़ाऊं, सुपारी, पान का पत्ता तुमको दूध का अर्घ्य दूँ, धूप, दीप, अगरबत्ता ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम रक्षा करो हमारी, हर दोष मिटा दो तुम कृपा करो हम पर, सुख-शांति बसा दो ॐ जय लक्ष्मी माता
पूजा के बाद प्रार्थना- Prayer after Worship
हे मां लक्ष्मी, मैं आपकी पूजा-अर्चना करके आपका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता/चाहती हूं। आप मेरे जीवन में धन, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करें। मेरी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
लक्ष्मी पूजा के नियम- Rules for Laxmi Pooja
लक्ष्मी पूजा में केवल साफ और पवित्र वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा में हृदय से मंत्र का जाप करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए।
लक्ष्मी पूजा के लाभ- Benefits of Laxmi Pooja
लक्ष्मी पूजा से धन, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
लक्ष्मी पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
लक्ष्मी पूजा से परिवार में प्रेम और सद्भावना बढ़ती है।
कुबेर पूजा विधि- Kuber Worship Procedure
सामग्री- Articles
कुबेर यंत्र
गंगाजल
रोली
चावल
पुष्प
दीपक
धूप
अगरबत्ती
मिठाई
फल
धनिया
पान का पत्ता और सुपारी
नारियल
पूजा विधि- Pooja Procedure
सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
कुबेर यंत्र को चौकी के मध्य में रखें।
कुबेर यंत्र पर गंगाजल छिड़ककर रोली से तिलक करें।
पुष्प चढ़ाएं और दीपक जलाएं।
धूप और अगरबत्ती जलाएं।
कुबेर मंत्र का जाप करें।
कुबेर जी को मिठाई, फल और धनिया अर्पित करें।
पान का पत्ता और सुपारी अर्पित करें।
नारियल अर्पित करें।
कुबेर जी की आरती करें।
कुबेर मंत्र- Kuber Ji Mantra
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
कुबेर आरती- Kuber Ji Aarti
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे। दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
भाँति भाँति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने। मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले। अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे। कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
इति श्री कुबेर आरती ॥
पूजा के बाद प्रार्थना- Prayer after Worship
हे कुबेर देवता, मैं आपकी पूजा-अर्चना करके आपका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता/चाहती हूं। आप मेरे जीवन में धन, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करें। मेरी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
कुबेर पूजा के नियम- Rules for Kuber Ji Worship
कुबेर पूजा हमेशा उत्तर दिशा में करना चाहिए।
कुबेर पूजा में केवल साफ और पवित्र वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए।
कुबेर पूजा में कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए।
कुबेर पूजा के बाद कुबेर जी की आरती करनी चाहिए।
कुबेर पूजा के लाभ- Benefits of Kuber Ji Worship
कुबेर पूजा से धन, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
कुबेर पूजा से व्यापार में वृद्धि होती है।
कुबेर पूजा से कर्ज से छुटकारा मिलता है।
कुबेर पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Conclusion
दीपावली का पर्व हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर के अंधकार को दूर करके प्रकाश फैलाना चाहिए। यह त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि हमें हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए और बुराई से दूर रहना चाहिए। दीपावली का पर्व हमें मिलकर रहने और खुशियां मनाने का संदेश भी देता है। इस त्योहार के माध्यम से हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर खुशियां मना सकते हैं और उनसे प्यार और सद्भाव का रिश्ता बना सकते हैं। दीपावली का पर्व एक खुशियों का त्योहार है और हमें हमेशा खुश रहने का संदेश देता है।
Chandan
November 11, 2023 at 6:27 pm
Good and informative information. Dhanyawad