Allopathy vs Aayurved

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Allopathy vs Aayurved

Allopathy vs Aayurved: सेहत के लिए सही चुनौती

अल्लोपैथी बनाम आयुर्वेद:

समय के साथ, स्वास्थ्य की देखभाल में लोगों के पास विभिन्न विकल्प होते हैं। इनमें से दो प्रमुख चिकित्सा प्रणालियाँ हैं – अल्लोपैथी और आयुर्वेद। यह लेख आपको बताएगा कि ये दोनों प्रणालियाँ कैसे काम करती हैं और सही सेहत चुनौतियों को कैसे समझती हैं।

अल्लोपैथी: विज्ञान का जादू

अल्लोपैथी एक चिकित्सा प्रणाली है जिसमें डॉक्टर्स और चिकित्सक रसायनिक और जरुरी दवाओं का उपयोग करते हैं जो बीमारी के लक्षणों को दूर करने में मदद करती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य रोग के कारणों का पता लगाना और उन्हें बाहर करना है। यह प्रणाली विज्ञानिक अध्ययनों और विज्ञान के साथ-साथ अधिक प्रसिद्ध है, और यह आमतौर पर गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आती है।

अल्लोपैथी के फायदे

अल्लोपैथी में दवाएँ जल्दी प्रभावी होती हैं और तुरंत राहत प्रदान करती हैं।

इसमें बीमारी के लक्षणों को तुरंत दूर करने के लिए शानदार विकल्प होते हैं।

डॉक्टर्स विशेषज्ञ ज्ञान और अनुभव के साथ काम करते हैं, जो रोगी को उचित सलाह देते हैं।

अल्लोपैथी की अल्पकालिक समस्याएँ

अल्लोपैथी की दवाएँ कई बार दुश्मन साबित हो सकती हैं और उनके साथ कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

इसमें डॉक्टर्स अक्सर दवाओं का अत्यधिक उपयोग करने का सुझाव देते हैं, जिससे लक्षणों की प्रबलता हो सकती है।

आयुर्वेद: प्राकृतिक चिकित्सा का जादू

आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो प्राकृतिक उपायों और औषधियों का उपयोग करती है। यह चिकित्सा प्रणाली शरीर, मन, और आत्मा के संतुलन को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन की गई है।

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आयुर्वेद के फायदे

आयुर्वेद में प्राकृतिक औषधियों का उपयोग होता है, जो किसी भी साइड इफेक्ट्स के बिना स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं।

यह चिकित्सा प्रणाली रोग के कारणों का समय लगाकर इलाज करती है और बीमारी की नीति को बदलती है।

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर को स्वास्थ्य की दिशा में स्वयं ही ठीक करने की क्षमता होती है, जो साइकोसोमेटिक बीमारियों को भी सुधार सकती है।

आयुर्वेद की अल्पकालिक समस्याएँ

आयुर्वेद का इलाज समय लगता है और परिणाम देने में थोड़ा धीरा होता है, इसलिए धैर्य और संयम की आवश्यकता होती है।

इसमें इलाज के लिए सही औषधियों का चयन करना मुश्किल हो सकता है, और इसमें विशेषज्ञ की सलाह की आवश्यकता होती है।

एलॉपथी बनाम आयुर्वेद १- क्या कोई डॉक्टर बता सकता है की एलॉपथी में जो मेडिसिन्स इस्तेमाल की जाती है वो कहा से बनती हैं? ऐसी कोई दवाई आज तक बानी ही नहीं है जिसमे कच्चे माल के तौर पर पेड़ पौधों, पेड़ की छाल या लकड़ी या फूल मसाले आदि का इस्तेमाल नहीं होता हो।

२- ये सही है की आयुर्वेदिक दवाई देर से असर करती है लेकिन बीमारी के सम्पूर्ण इलाज के लिए आयुर्वेद ही सही है क्युकी इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है इसके उलट एलॉपथी की हर दवाई का दुष्प्रभाव जरूर होता है !

३-इस बात पर सहमत हूँ की एलॉपथी दवाई तुरंत असर के लिए उत्तम है लेकिन इस से आयुर्वेद की महत्ता काम नहीं हो जाती !

४-आयुर्वेद के ही एलिमेंट्स को एक्सट्राट करके एलॉपथी दवाई बनती है वैक्सीन्स भी इन्ही एलिमेंट्स से बनती है !

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५- हर व्यक्ति गेहू का इस्तेमाल करता है जैसे मैदा या दलिया या रोटी के रूप में , इसका मतलब गेहू का विरोध करना की ये गलत है ! साड़ी लड़ाई बस यही है.

६- गेहू को यहाँ पर आप आयुर्वेद समझे और मैदा या दलिया या रोटी को एलॉपथी।

समापन

इस लेख का उद्देश्य यह नहीं है कि अल्लोपैथी और आयुर्वेद में से कोई एक ही सही है, बल्कि यह बताना है कि दोनों प्रणालियाँ अपने स्थान पर महत्वपूर्ण हैं। बीमारी के प्रकार और व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर एक चिकित्सा प्रणाली का चयन करना सही है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप एक पेशेवर चिकित्सक की सलाह लें, जो आपकी स्वास्थ्य स्थिति को सही तरीके से जांच सकते हैं और उपयुक्त उपाय सुझा सकते हैं।

प्रश्न 1: एलॉपथी और आयुर्वेद में क्या अंतर है?

उत्तर: एलॉपथी और आयुर्वेद दो अलग-अलग प्रकार की चिकित्सा पद्धतियाँ हैं। एलॉपथी वेस्टर्न मेडिसिन के आधार पर आधारित है, जहां डॉक्टर दवाओं और सर्जरी का उपयोग करते हैं। आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जिसमें प्राकृतिक औषधियों, पौधों, और आहार के उपयोग से रोगों का इलाज किया जाता है।

प्रश्न 2: क्या एलॉपथी और आयुर्वेद को मिलाकर उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर: हां, कई मामलों में एलॉपथी और आयुर्वेद को मिलाकर उपयोग किया जा सकता है। इसे आयुर्वेदिक एलॉपथी या इंटीग्रेटिव मेडिसिन के रूप में जाना जाता है। यह चिकित्सा पद्धति व्यक्ति के रोग के प्रकार और स्थिति के आधार पर एलॉपथी दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों, पौधों, और प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करती है।

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प्रश्न 3: क्या एलॉपथी और आयुर्वेद में इंटरनशनली चिकित्सा मान्यता है?

उत्तर: हां, एलॉपथी और आयुर्वेद दोनों चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त है। एलॉपथी चिकित्सा सामान्यतः अधिकांश देशों में मान्यता प्राप्त है और आयुर्वेद भारतीय सभ्यता का हिस्सा है और विश्वभर में मान्यता प्राप्त है।

प्रश्न 4: क्या एलॉपथी और आयुर्वेद के बीच साइड इफेक्ट्स का अंतर होता है?

उत्तर: हां, एलॉपथी और आयुर्वेद में चिकित्सा के तरीके के कारण साइड इफेक्ट्स का अंतर हो सकता है। एलॉपथी में उपयोग होने वाली दवाओं में कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जबकि आयुर्वेद में उपयोग होने वाली प्राकृतिक औषधियों के साइड इफेक्ट्स कम होते हैं। हालांकि, हर रोगी की स्थिति अलग होती है और इसलिए सबसे अच्छा यह है कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें और अपनी चिकित्सा के परिणामों को समझें

प्रश्न 5: क्या एलॉपथी और आयुर्वेद के बीच चिकित्सा का अंतर है?

उत्तर: हां, एलॉपथी और आयुर्वेद में चिकित्सा के तरीके में अंतर होता है। एलॉपथी में डॉक्टर विश्लेषण करते हैं और रोग के लक्षणों के आधार पर दवाओं का उपयोग करते हैं। आयुर्वेद में, विशेषज्ञ व्यक्ति की प्रकृति, दोषों का विश्लेषण करते हैं और रोग का निदान करने के लिए औषधियों, पौधों और आहार का उपयोग करते हैं। ये दोनों चिकित्सा पद्धतियाँ अपने तरीकों में अद्वितीय हैं और रोगी की स्थिति और प्राकृतिक प्रकृति के आधार पर उपयोग की जाती हैं।

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