अक्षय तृतीया 2024

  • Home
  • Blog
  • अक्षय तृतीया 2024
akshay tritiya 2 jpg

अक्षय तृतीया 2024

अक्षय तृतीया- Akshay Tritiya

अक्षय तृतीया (आखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है।

अक्षय तृतीया का महत्व– Significance of Akshay Tritya

अक्षय तृतीया (आखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। कहते हैं कि इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है उनका सौभाग्य अखंड रहता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए भी विशेष अनुष्ठान होता है जिससे अक्षय पुण्य मिलता है।

जिसका कभी नाश नहीं होता है या जो स्थाई है, वही अक्षय कहलाता है। स्थाई वही रह सकता है, जो सर्वदा सत्य है। सत्य केवल परमपिता परमेश्वर ही हैं जो अक्षय, अखंड व सर्वव्यापक है। अक्षय तृतीया की तिथि ईश्वरीय तिथि है।

अक्षय तृतीया का दिन परशुरामजी का जन्मदिवस होने के कारण परशुराम तिथि भी कहलाती है। परशुराम जी की गिनती चिरंजीवी महात्माओं में की जाती है। इसलिए इस तिथि को चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं।

अक्षय तृतीया का मुहूर्त कब से कब तक है?

इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ 10 मई 2024 को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से लेकर अगले दिन यानि 11 मई 2024 को सुबह 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. वहीं अक्षय तृतीया की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 10 मई को सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.

अक्षय तृतीया के दिन क्या खरीदना चाहिए?

अक्षय तृतीया के दिन जौं या पीली सरसों खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इस शुभ दिन पर जौं या पीली सरसों खरीदना सोना चांदी खरीदने के बराबर माना जाता है।

क्या अक्षय तृतीया 2024 शादी के लिए अच्छा है?

विवाह के लिए अक्षय तृतीया 2024: अक्षय तृतीया का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दर्शन के लिए किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन इस साल यह दिन भी मांगलिक कार्य के लिए शुभ नहीं है।

अक्षय तृतीया पर किस देवता की पूजा करनी चाहिए?

अक्षय तृतीया को देश के कुछ राज्यों और क्षेत्रों में अबूझ मुहूर्त और आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना भी शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार में सुख, शांति और धन आता है।

अक्षय तृतीया पर किस भगवान का विवाह हुआ था?

इस दिन, ऐसा कहा जाता है कि कुबेर (धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष) ने देवी लक्ष्मी की पूजा की, जिसने बदले में उन्हें शाश्वत धन और समृद्धि दी। इस प्रकार, विवाह करने से समृद्धि सुनिश्चित होती है। इस दिन, देवी मधुरा ने भगवान सुंदरेसा (भगवान शिव के अवतार) से विवाह किया था।

अक्षय तृतीया को किसका जन्म हुआ था?

अक्षय तृतीया के दिन ही वेदव्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखने की शुरुआत की थी और आदि शंकराचार्य ने कनकधारा स्रोत की रचना की थी. अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म हुआ था साथ ही इसी दिन कुबेर को खजाना भी मिला था. अक्षय तृतीया के दिन ही महाभारत का युद्ध भी समाप्त हुआ था.

अक्षय तृतीया के पीछे की कहानी क्या है?

अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम ने महर्षि जमदग्नि और माता रेणुका देवी के घर जन्म लिया था(अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने और विवाह करने का महत्व) और भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है।

अक्षय तृतीया का अर्थ क्या होता है?

अक्षय तृतीया का मतलब है ऐसी तिथि जिसका कभी भी क्षय नहीं होता या जो कभी खत्म नहीं होती. आज के दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है लेकिन सोने की खरीदारी के अलावा भी ऐसी कई चीजें होती हैं जिसे आज के दिन घर लाने से शुभ फल मिलता है.

अक्षय तृतीया पर क्या करें क्या करें?

अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन इस दिन भूलकर भी प्लास्टिक, एल्युमिनियम या स्टील के बर्तन और सामान न खरीदें। ऐसा करने पर राहु का प्रभाव हावी हो जाता है और घर में दरिद्रता आ सकती है। अक्षय तृतीया के दिन पूजा स्थान, तिजोरी या धन स्थान को भूलकर भी गंदा न रहने दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories

Open chat
💬 Need help?
Namaste🙏
How i can help you?