घर में कबूतर का बोलना शुभ या अशुभ? | घर में कबूतर का आना शुभ या अशुभ? | कबूतर का घर में आना क्या संकेत देता है? | Kabootar Ka Ghar Me Aana Shubh Ya Ashubh
Pigeon & Rahu | कबूतर का घर में आना क्या संकेत देता है? | Kabutar Ka Ghar Me Aana
Pigeon & Rahu, आज कल सभी घरो में कबूतरों के आने की वजह से लोग दुखी हैं क्युकी उनकी बीट से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। साँस से सम्बंधित बीमारिया जिनमे से प्रमुख है। कुछ लोग उन्हें ग्रहो में राहु से जोड़कर यह सोचते हैं की उन्हें दाना डालने से उनका राहु ठीक रहेगा।
लेकिन यह केवल एक पक्ष है। कबूतर को अनाज खिलाने से पहले यह भी तय करे की जो अन्नाज आप उन्हें खिला रहे हैं वो उनके लिए ठीक है या नहीं। जैसे कुछ लोग गर्मी के दिनों में भी बाजरा खिलते हैं जो अत्यधिक गरम होता है जिसको खाने के बाद कबूतर प्यास से परेशान हो जाते हैं और पानी न मिलने के कारन उनकी मौत हो जाती है।
इस तरह बिना सोचे समझे किसी की बात को सुनकर ऐसा कोई काम न करे जो आपके द्वारा अनजाने में किसी की मौत का कारन बने।
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कबूतरों और राहू का प्रभाव
Pigeon & Rahu, वैदिक ज्योतिष में, ग्रह राहू को उसके शक्तिशाली और अप्रत्याशित स्वभाव के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि राहू का प्रभाव एक व्यक्ति के जीवन में अव्यवस्था और अस्थिरता का कारण बन सकता है। हालांकि, कबूतरों को खिलाने से कहा जाता है कि राहू को प्रसन्न किया जा सकता है और उसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। कुछ लोगो को ऐसा लगता है कि कबूतर पालने से उनका राहु या कोई और गृह ठीक रहेगा ? उनको यह भी जान लेना चाहिए कि अगर उन्होंने कबूतर पाला है तो रोज साफ़ सफाई का ध्यान रखे अन्यथा गृह ठीक हो न हो गंदगी कि जगह पर बीमारियां जरूर आएगी, साँस से सम्बंधित बीमारिया जिनमे से प्रमुख है।
जहा गंदगी होती है वह राहु का निवास होता है ऐसे में राहु आपको शुभ कि जगह अशुभ फल ही देगा। अगर आपकी कुंडली में राहु या बुध सम्बंधित कोई युति या योग है तो घर में कबूतर पालने से बचे।
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कबूतरों को खिलाने के नियम और सावधानियां
कबूतरों को खिलाना शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ दिशानिर्देशों का पालन करें:
- साफ़ और सुरक्षित स्थान चुनें: कबूतरों की प्राकृतिक रूप से इकट्ठा होने वाली जगह ढूंढें। सुनिश्चित करें कि क्षेत्र साफ़ है और किसी भी प्रकार के संभावित हानि से मुक्त है।
- पौष्टिक भोजन प्रदान करें: कबूतरों के लिए ताजगी, पौष्टिक भोजन तैयार करें या खरीदें। सामान्य खाद्य पदार्थों, दालों और पक्षी खाद्य से खिलाने के आम प्रस्ताव होते हैं। अवसादित या पुराने भोजन को खिलाने से बचें।
- उनके स्थान का सम्मान करें: कबूतरों को अपने तारीके से आने और खाने दें। उन्हें किसी भी तरीके से बाधित या नुकसान पहुंचाएं नहीं।
- नियमितता महत्वपूर्ण है: एक नियमित खिलाने की व्यवस्था स्थापित करें। कबूतर विशेष खिलाने समय का आदान-प्रदान कर रहे होते हैं और वे आपकी प्रस्तावनाओं पर आश्रित होंगे।
- अपना उद्देश्य न भूलें: कबूतरों को खिलाते समय, अपने उद्देश्य पर केंद्रित रहें और अपने जीवन में सकारात्मक परिणामों की प्रार्थना करें। यह अभ्यास का आध्यात्मिक पहलू को मजबूत करता है।
- अंधविश्वास और अत्यधिकता से बचें: परंपरा का सम्मान करते हुए, महत्वाकांक्षा में न लिप्त होने का महत्वपूर्ण है। एक संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखें और परिणाम पर अत्यधिक आसक्ति या आश्रित नहीं होने दें।
निष्कर्ष
Pigeon & Rahu, ज्योतिष में कबूतरों को आध्यात्मिक अभ्यास के रूप में खिलाने का गहन महत्त्व होता है। यह न केवल दयालुता का कार्य करता है, बल्कि आकाशीय शक्तियों से आशीर्वाद और संरक्षण प्राप्त करने में भी मदद करता है। निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करते हुए और एक प्रामाणिक उद्देश्य को बनाए रखकर, व्यक्ति अपने जीवन में राहू के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है और सकारात्मक ऊर्जाओं को आमंत्रित कर सकता है। इसलिए, इस प्राचीन परंपरा को ग्रहों के ज्योतिष में आपने अपनाएं और कबूतरों को खिलाने की सामर्थ्यमयी शक्ति को अनुभव करें।
Ravi Singh
August 16, 2023 at 7:34 am
Bahut badhiya Guru ji.