गुप्त नवरात्रि( Gupt Navratri) एक अत्यंत पावन त्योहार है, जो वर्ष में दो बार आता है – चैत्र और आषाढ़ मास में। माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रि 2024: रहस्य, महत्व और शुभ मुहूर्त
2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 6 जुलाई, शनिवार से होगा और 16 जुलाई, मंगलवार तक चलेगा।
गुप्त नवरात्रि का रहस्य:
दस महाविद्याओं की पूजा: इस नवरात्रि में देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं – कालिका, तारा, षोडषी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला – की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
तंत्र-मंत्र साधना: गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र साधना के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
इच्छा पूर्ति: इस नवरात्रि में मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
कष्टों का नाश: यह नवरात्रि कष्टों के नाश और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए भी मानी जाती है।
ग्रह कलेश से छुटकारा पाने के उपाय
गुप्त नवरात्रि में रोज सुबह उठ कर स्नान कर के साफ सुथरे वस्त्र धारण करें.
मां काली या दुर्गा मां की मूर्ति या चित्र पर लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं.
मां की मूर्ति के समक्ष धूप दीप जलाए.
इसके बाद मां का पूजन कर के रुद्राक्ष की माला के साथ इस मंत्र को 108 बार बोलें
इस मंत्र का जाप करें
धां धीं धूं धूर्जटे:। वां वी वूं वागधीश्वरी। क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि। शां शीं शूं मे शुभं कुरु।
गुप्त नवरात्रि में विवाह के उपाय
शादी-विवाह की अड़चन को दूर करने के लिए या मनचाहा वर पाने के लिए गुप्त नवरात्रि में माता कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए. माता कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. फिर “ॐ कात्यायनी महामये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देहि पतिं में कुरुते नम:” मंत्र का जाप 41000 बार करें.
गुप्त नवरात्रि 2024: महत्वपूर्ण तिथियां
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 तिथियां (Ashadha Gupt Navratri 2024 Tithi)
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि – 6 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि द्वितीया तिथि – 7 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तृतीया तिथि – 8 और 9 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि चतुर्थी तिथि – 10 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पंचमी तिथि – 11 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि षष्ठी तिथि – 12 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि सप्तमी तिथि – 13 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि अष्टमी तिथि – 14 जुलाई 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि नवमी तिथि – 15 जुलाई 2024
ग्रह कलेश से छुटकारा पाने के उपाय
गुप्त नवरात्रि में रोज सुबह उठ कर स्नान कर के साफ सुथरे वस्त्र धारण करें.
मां काली या दुर्गा मां की मूर्ति या चित्र पर लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं.
मां की मूर्ति के समक्ष धूप दीप जलाए.
इसके बाद मां का पूजन कर के रुद्राक्ष की माला के साथ इस मंत्र को 108 बार बोलें
इस मंत्र का जाप करें
धां धीं धूं धूर्जटे:। वां वी वूं वागधीश्वरी। क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि। शां शीं शूं मे शुभं कुरु।
गुप्त नवरात्रि 2024 में क्या करें:
नियमित पूजा: नियमित रूप से देवी दुर्गा और दस महाविद्याओं की पूजा करें।
व्रत: नवरात्रि के सभी 9 दिनों का व्रत रखें।
दान: दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की मदद करें।
मंत्र जाप: देवी दुर्गा और महाविद्याओं के मंत्रों का जाप करें।
ध्यान: नियमित रूप से ध्यान करें।
गुप्त नवरात्रि 2024 में क्या न करें:
मांस-मदिरा का सेवन: मांस-मदिरा का सेवन न करें।
झूठ बोलना: झूठ बोलने से बचें।
बुराई: किसी का बुरा न सोचें।
नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
गुप्त नवरात्रि 2024: शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त: 6 जुलाई, शनिवार (सुबह 10:39 बजे से 11:28 बजे तक)
गुप्त नवरात्रि 2024:
यह नवरात्रि आत्मिक शक्ति और ज्ञान प्राप्ति का उत्तम अवसर है। देवी दुर्गा और दस महाविद्याओं की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होगी।
जिस प्रकार चैत्र और शारदीय नवरात्र होते हैं उसी तरह ज्येष्ठा और माघ महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्री को गुप्त नवरात्री कहा जाता है | गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है| अगर कोई इन दस महाविद्याओं की शक्ति के रूप में उपासना करे तो उसका जीवन धन – धान्य और सुख से भर जाता है | देवी भगवत में गुप्त नवरात्र की पूजा का विधान लिखा गया है | इस तरह वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं | यह चारो नवरात्र ऋतू परिवर्तन के समय मनाये जाते हैं | इन विशेष अवसर पर साधक अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए देवी की साधना करते हैं | गुप्त नवरात्र को सफलता पूर्वक संपन्न करने से कई बाधाये समाप्त हो जाती हैं |
गुप्त नवरात्री की दस देवियों का नाम है :
माता कालिके
तारा देवी
त्रिपुर सुंदरी
माता भुवनेश्वरी
माता छिन्नमस्ता
माता त्रिपुरभैरवी
माँ धूमावती
माता बगलामुखी
माता मातंगी
माता कमला देवी
गुप्त नवरात्री का महत्व :
गुप्त नवरात्री उन लोगों के लिए विशेष होती है जो तंत्र साधना और वशीकरण में विश्वास रखते हैं | इस नवरात्री में तंत्र साधना की जाती है जो गुप्त होती हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्री कहा जाता है | गुप्त नवरात्रि आमतौर पर तांत्रिक और साधको के लिए होती है | अघोर तांत्रिक गुप्त नवरात्रि में महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं | इसलिए यह दूसरे नवरात्रि से बिल्कुल अलग होती है | गुप्त नवरात्री की पूजा और कामना जितनी गोपनिय रखी जाती है यह उतनी ही सफल होती है | गृहस्थ मनुष्य गुप्त नवरात्रि नहीं मनाते हैं |
इसलिए गृहस्थ लोगों को गुप्त नवरात्री में भी नवदुर्गा की पूजा करनी चाहिए |
ये देवियाँ हैं : माता शैलपुत्री, माता ब्रम्हचारिणी, माता चंद्रघंटा, माता कुष्मांडा, माता स्कंदमाता, माता कात्यायनी, माता कालरात्रि, माता महागौरी और माता सिद्धिदात्री |
गुप्त नवरात्री कलश स्थापना विधि और सामग्री :
कलश
कलश पर बांधने के लिए मौली
आम के पत्ते का पल्लव (जिसमें 5 पत्तियां हो या फिर 7)
कलश में डालने के लिए रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत
कलश के अलावा इन दिनों जौ भी बोने चाहिए। जिसके लिए मिट्टी का एक बड़ा बर्तन
मिट्टी
जौ
कलावा
मां का श्रृंगार करना है बेहद जरुरी :
नवरात्रि में माता रानी का श्रृंगार जरूर करना चाहिए। श्रृंगार के लिए एक लाल रंग की चुनरी, सिंदूर, इत्र, बिंदी, लाल चूड़ियां, मेहंदी, काजल, लिपस्टिक, कंघा, नेल पेंट और बाकी श्रृंगार की सामग्री से माता रानी का श्रृंगार करना चाहिए |