Chandra Mangal Yog (चन्द्र-मंगल योग)
परिभाषा: यदि मंगल चन्द्रमा से समानित (संयुक्त) हो तो यह योग बनता है।
फल : कदाचार साधनों से आय, स्त्रियों को बेचने वाला, मां के साथ रूखा और उसके तथा अन्य सम्बन्धियों के साथ दुव्र्व्यवहार करने वाला होगा ।किसी भी प्रकार के योग की उपस्तिथि से ही केवल ये नहीं कहा जा सकता है की योग का पूरा फल आपको प्राप्त होगा , इसके लिए ग्रहो का बल और दूसरे ग्रहो की दृष्टि की गणना करना भी आवश्यक है |
विवरण: ऊपर दिये गये फल प्राचीन लेखकों के अनुसार है। इस विज्ञान के युग में प्राचीन विद्वानों के प्रति आदर भाव रखते हुए मैं यह कहना चाहता हूँ कि किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ बनाने में चन्द्र-मंगल योग का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं ।
सामान्यतः आधुनिक युग में ठेका शराब की दुकान, शराबखाना आदि जैसे व्यवसायों से आय होगी। जातक लोगों की मूल आवश्यकताएं पूरी करेगा परन्तु जब चन्द्रमा और मंगल उत्तम स्थिति में हों तो अन्य उचित माध्यमों से आय होगी ।
ऐसा कहा जाता है कि मंगल और चन्द्रमा की युति से यह योग बनता है कि यदि चन्द्रमा और मंगल में परस्पर दृष्टि परिवर्तन हो तो भी यह योग बनता है। मान लें कि चन्द्रमा वृषभ में और मंगल वृश्चिक में है।
चन्द्रमा कर्क में और मंगल मकर में है। यह उत्कृष्ट स्थिति होती है। इस योग से बहुत उत्तम फल होगा यदि यह योग २, ९, १० या ११वें भावों में बनता हो ।