5 Mukhi Rudraksha– पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व: (Importance of Panchmukhi Rudraksha)
( Panch Mukhi Rudraksha )5 मुखी रुद्राक्ष का संबंध भगवान शिव के सबसे कल्याणकारी स्वरुप महादेव से है जो वृष पर विराजमान है और जिनके पांच मुख हैं। पांच मुखों में से चार मुख सौम्य प्रवृत्ति के हैं जबकि दक्षिण की ओर किया हुआ मुख भयंकर रूप धारण किये हुए है।
महादेव के पांच कार्य हैं- सृष्टि, पालन, संहार, तिरोभाव, अनुग्रह। यह सभी कार्य करने के लिए भगवान शिव के पांच मुख हैं और इन्हीं पांच मुखों से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उद्भव हुआ है। बताते चलें कि यही मंत्र पंचमुखी रुद्राक्ष का प्राण मंत्र माना जाता है। ५ मुखी रुद्राक्ष गुरु बृहस्पति का रुद्राक्ष कहा जाता है, अगर गुरु कुंडली में योग कारक है या लग्नेश है, तब भी आपको ५ मुखी रुद्राक्ष ही धारण करना चाहिए। इसके धारण करने से आपको गुरु की कृपा प्राप्त होती है और आपके रुके हुए काम बनने लगते हैं।
धारण मंत्र–”ॐ ह्रीं क्लीं नम:”
५ मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे: (Benefits Of Wearing 5 Mukhi Rudraksha)
पंचमुखी रुद्राक्ष कालाग्नि नामक रूद्र है, यह भौतिक और दैहिक रोग को समाप्त करने में सहायक है। यह सभी बुरे कर्मों को नष्ट कर देता है।
Panchmukhi Rudraksha is associated with Lord Kaalagni Rudra, and it is believed to help in curing physical and bodily ailments. It is said to destroy all negative karmas
यह मधुमेह के रोगियों, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसी बिमारियों से बचाव करने में सहायक है।
It is believed to be helpful in preventing diseases like diabetes, breast-related issues, heart problems, high blood pressure, and acidity.
अगर इस तरह की पूरी माला धारण करना संभव न हो तो केवल पांच पंचमुखी रुद्राक्ष को गूंथ कर धारण कर लेना चाहिए। गुरु के प्रतिकूल प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।
If wearing a full mala (necklace) of Panchmukhi Rudraksha is not feasible, wearing a single bead by threading it is also considered effective. It helps to nullify the Malefic Effects Of Jupiter.
मानसिक शांति के लिए इस रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। धारणकर्ता को विभिन्न विषयों का ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलती है।
Wearing this Rudraksha can promote Mental Peace And Enhance knowledge in various subjects.
धन और समृद्धि पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है। अकाल मृत्यु से रक्षा पाने के लिए भी इस रुद्राक्ष को पहन सकते हैं।
It is believed that wearing 5 Mukhi Rudraksha can attract wealth and prosperity. It is also considered protective against untimely death (akal mrityu).
बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष शुभ रहता है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति लाने में भी ये रुद्राक्ष फायदेमंद है।
The 5 Mukhi Rudraksha is considered beneficial in protecting against the malefic effects of Jupiter (Brihaspati) and bringing harmony in marital life. It is believed to bring Happiness And Peace To The Married Life of the wearer.
5 मुखीरुद्राक्ष पहनने के नियम: Rules for wearing 5 Mukhi Rudraksha
5 मुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में मढ़वाकर या बगैर मढ़वाये भी पहन सकते हैं।
The 5 Mukhi Rudraksha can be worn either in gold, silver, or even without any metal casing
सर्वप्रथम इसे गंगाजल या दूध से शुद्ध करना चाहिए।
First, it should be purified with Ganga water or milk.
उसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा के आगे धूप और दीपक जलाकर उपासना करें।
Then, it should be placed in front of a Shiva idol and worshipped with incense and a lamp
उपासना के पश्चात इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
After the worship, the mantra “Om Hreem Namah Om Brahma Brihaspataye Namah” should be chanted 108 times.
“ॐ ह्रीं नमः ॐ ब्रह’ बृहस्पतये नमः”
इसे धारण करने के लिए श्रावण माह या सोमवार/गुरूवार का दिन अधिक शुभ है।
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