बगलामुखी आराधना

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बगलामुखी आराधना

बगलामुखी आराधना: किसी भी देवी-देवता का अनुष्ठान (साधना) आरम्भ करने बैठे तो सर्वप्रथम शुभ मुर्हूत, शुभ दिन, शुभ स्थान, स्वच्छ वस्त्र, नए ताम्र पूजा पात्र, बिना किसी छल कपट के शांत चित्त, भोले भाव से यथाशक्ति यथा सामग्री, ब्रह्मचर्य के पालन की प्रतिज्ञा कर यह साधना आरम्भ कर सकते हैं।

याद रहे अगर आप अति निर्धन हो तो केवल पीले पुष्प, पीले वस्त्र, हल्दी की 108 दाने की माला  और दीप जलाकर माता की प्रतिमा, यंत्र आदि रखकर शुद्ध आसन कम्बल, कुशा या  मृगचर्य जो भी हो उस पर बैठकर माता की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

माता बगलामुखी की आराधना के लिए जब सामग्री आदि इकट्ठा करके शुद्ध आसन पर बैठें (उत्तर मुख) तो दो बातों का ध्यान रखें, पहला तो यह कि सिद्धासन या पद्मासन हो, जप करते समय पैर के तलुओं और गुह्य स्थानों को न छुएं शरीर गला और सिर सम स्थित होना चाहिए। इसके पश्चात गंगाजल से छिड़काव कर (स्वयं पर) यह मंत्र पढें-

 अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थाङ्गतोऽपिवा, य: स्मरेत, पुण्डरी काक्षं स बाह्य अभ्यांतर: शुचि:।

 उसके बाद इस मंत्र से दाहिने हाथ से आचमन करें-ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम:। अन्त में ॐ हृषीकेशाय नम: कहके हाथ धो लेना चाहिए।

इसके बाद गायत्री मंत्र पढ़ते हुए तीन बार प्राणायाम करें।  चोटी बांधे और तिलक लगाएं। अब पूजा दीप प्रज्जवलित करें। फिर विघ्नविनाशक गणपति का ध्यान करें। याद रहे ध्यान अथवा मंत्र संबंधित देवी-देवता का संपर्क नंबर है।

जैसे ही आप मंत्र का उच्चारण करते हैं, उस देवी-देवता के पास आपकी पुकार तुरंत पहुंचती है।। इसलिए मंत्र शुद्ध पढ़ना चाहिए। मंत्र का शुद्ध उच्चारण न होने पर कोई फल नहीं मिलेगा, बल्कि नुकसान ही होगा। इसीलिए उच्चारण पर विशेष ध्यान रखें।

अब आप गणेश जी के बाद सभी देवी-देवादि कुल, वास्तु, नवग्रह और ईष्ट देवी-देवतादि को प्रणाम कर आशीर्वाद लेते हुए कष्ट का निवारण कर शत्रुओं का संहार करने वाली वाल्गा (बंगलामुखी) का विनियोग मंत्र दाहिने हाथ में जल लेकर पढ़ें-ॐ  अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषि: त्रिष्टुप्छन्द: बगलामुखी देवता, ह्लींबीजम् स्वाहा शक्ति: ममाभीष्ट सिध्यर्थे जपे विनियोग: (जल नीचे गिरा दें)। अब माता का ध्यान करें, याद रहे सारी पूजा में हल्दी और पीला पुष्प अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

ध्यान-

मध्ये सुधाब्धि मणि मण्डप रत्न वेद्यां,

सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम,

पीताम्बरा भरण माल्य विभूषिताड्गीं

देवीं भजामि धृत मुद्गर वैरिजिह्वाम

जिह्वाग्र मादाय करेण देवीं,

वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम,

गदाभिघातेन दक्षिणेन,

पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि॥

अपने हाथ में पीले पुष्प लेकर उपरोक्त ध्यान का शुद्ध उच्चारण करते हुए माता का ध्यान करें। उसके बाद यह मंत्र जाप करें।

मंत्र है : ॐ ह्रीं बगलामुखी! सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय जिह्वां कीलय कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।

इस मंत्र का जाप पीली हल्दी की गांठ की माता से करें। आप चाहें तो इसी मंत्र से माता की षोड्शोपचार विधि से पूजा भी कर सकते हैं।

आपको कम से कम पांच बातें पूजा में अवश्य ध्यान रखनी है-

1. ब्रह्मचर्य, 2. शुद्ध और स्वच्छ आसन 3. गणेश नमस्कार और घी का दीपक 4. ध्यान और शुद्ध मंत्र का उच्चारण 5. पीले वस्त्र पहनना और पीली हल्दी की माला से जाप करना।

तिल और चावल में दूध मिलाकर माता का हवन करने से श्री प्राप्ति होती है और दरिद्रता दूर भागती है।

गूगल और तिल से हवन करने से कारागार से मुक्ति मिलती है।

अगर वशीकरण करना हो तो उत्तर की ओर मुख करके और धन प्राप्ति के लिए पश्चिम की ओर मुख करके हवन करना चाहिए।

मधु, शहद, चीनी, दूर्वा, गुरुच और धान के लावा से हवन करने से समस्त रोग शान्त हो जाते हैं।

गिद्ध और कौए के पंख को सरसों के तेल में मिलाकर चिता पर हवन करने से शत्रु तबाह हो जाते हैं। भगवान शिव के मन्दिर में बैठकर सवा लाख जाप फिर दशांश हवन करें तो सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं।

मधु घी, शक्कर और नमक से हवन आकर्षण (वशीकरण) के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

गलामुखी: शक्ति, रहस्य और सावधानियां

बगलामुखी देवी, दस महाविद्याओं में से आठवीं, शक्ति और विजय की देवी हैं।  यह मां दुर्गा का ही एक रूप है।  इनके नाम का अर्थ है “पक्षी की चोंच” –  यह दर्शाता है कि कैसे देवी अपनी शक्ति से शत्रुओं की वाणी और बुद्धि को स्तब्ध कर देती हैं।

बगलामुखी मंत्र:

ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं स्वाहा

यह मंत्र शत्रुओं पर विजय, मुकदमों में सफलता, ऋण से मुक्ति, और भय से रक्षा दिलाने में सहायक माना जाता है।

बगलामुखी के टोटके:

पीले वस्त्र पहनकर, मां बगलामुखी की प्रतिमा के सामने बैठकर 108 बार मंत्र का जाप करें।

नींबू पर मां बगलामुखी का बीज मंत्र लिखकर, उसका रस निकालकर अपनी जीभ पर लगाएं।

शत्रु का नाम लिखी हुई पर्ची पर मंत्र लिखकर, उसे बहते हुए पानी में प्रवाहित करें।

ध्यान दें:

मंत्रों का जाप या टोटके करने से पहले किसी गुरु या विद्वान से सलाह अवश्य लें।

मंत्रों का जाप शुद्ध मन और पूर्ण श्रद्धा से करना चाहिए।

किसी भी नकारात्मक भावना या द्वेष से प्रेरित होकर मंत्रों का जाप नहीं करना चाहिए।

बगलामुखी मंदिर:

बगलामुखी देवी के अनेक प्रसिद्ध मंदिर भारत में हैं, जिनमें शामिल हैं:

नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

बगलामुखी मंदिर, जयपुर, राजस्थान

बगलामुखी मंदिर, कामाख्या, असम

बगलामुखी मंदिर, पावगढ़, गुजरात

बगलामुखी पूजा के फायदे:

शत्रुओं पर विजय

मुसीबतों से मुक्ति

मानसिक शक्ति में वृद्धि

आत्मविश्वास में वृद्धि

धन लाभ

बगलामुखी मंदिर का रहस्य:

माना जाता है कि बगलामुखी मंदिरों में अलौकिक शक्तियां होती हैं।

इन मंदिरों में दर्शन करने मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इन मंदिरों में मां बगलामुखी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

बगलामुखी चालीसा:

बगलामुखी चालीसा, मां बगलामुखी की स्तुति का एक भक्तिमय गीत है।

इसका पाठ करने से मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त होती है।

बगलामुखी चालीसा का पाठ मन को शांति और संतोष प्रदान करता है।

बगलामुखी जयंती 2024:

बगलामुखी जयंती, हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।

इस वर्ष बगलामुखी जयंती 02 मई 2024 को मनाई जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

बगलामुखी शत्रु विनाशक मंत्र: यह मंत्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध है।

बगलामुखी मंदिर बनखंडी हिमाचल प्रदेश: यह मंदिर अपनी प्राचीनता और शक्ति के लिए जाना जाता है।

बगलामुखी मंत्र का नुकसान:

बगलामुखी मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए। गलत उद्देश्य या अशुद्ध भाव से मंत्र जपने से नुकसान हो सकता है।

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव: क्रोध, ईर्ष्या या द्वेष से प्रेरित होकर मंत्र जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है।

विपरीत परिणाम: गलत उच्चारण या अशुद्ध विधि से मंत्र जाप करने से विपरीत परिणाम भी मिल सकते हैं।

मानसिक अशांति: यदि आप मंत्र जाप के लिए तैयार नहीं हैं, तो यह मानसिक अशांति पैदा कर सकता है।

इन बातों का ध्यान रखें:

किसी भी मंत्र का जाप करने से पहले उसके अर्थ और महत्व को समझना जरूरी है।

योग्य मार्गदर्शन के लिए किसी गुरु या विद्वान से सलाह लें।

मंत्र जाप हमेशा सकारात्मक उद्देश्यों जैसे आत्मरक्षा या कठिनाइयों को दूर करने के लिए करना चाहिए।

बगलामुखी का महत्व:

बगलामुखी न केवल शत्रुओं पर विजय दिलाती हैं, बल्कि यह आंतरिक शत्रुओं जैसे नकारात्मक विचारों और भावनाओं को भी पराजित करने में सहायक हैं।

आत्मविश्वास: मां बगलामुखी की उपासना से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।

निर्णय लेने की क्षमता: कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।

कानूनी विवाद: मुकदमों या कानूनी विवादों में सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

बगलामुखी स्तोत्र हिंदी में:

बगलामुखी देवी की स्तुति करने के लिए कई स्तोत्र उपलब्ध हैं। इन स्तोत्रों का पाठ करने से मां बगलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

उपसंहार:

बगलामुखी देवी शक्ति और विजय की प्रतीक हैं। उनकी उपासना सकारात्मक उद्देश्यों से करने पर जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और आत्मबल को मजबूत करने में सहायता मिलती है। हालांकि, किसी भी मंत्र का जाप करने से पहले सावधानी और सलाह जरूरी है।

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