गुप्त नवरात्रि 2024

  • Home
  • Blog
  • गुप्त नवरात्रि 2024
Navratri 2024

गुप्त नवरात्रि 2024

गुप्त नवरात्रि: तंत्र साधना का पवित्र पर्व

गुप्त नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना और तंत्र साधना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस पर्व को गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें देवी के गुप्त रूपों की पूजा की जाती है और विशेष तंत्र साधनाएं की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है – एक बार माघ मास में और दूसरी बार आषाढ़ मास में। आइए, इस पर्व के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

गुप्त नवरात्रि कब है 2024?

2024 में गुप्त नवरात्रि की तिथियां इस प्रकार हैं:

  • माघ गुप्त नवरात्रि: 10 फरवरी 2024 से 18 फरवरी 2024 तक।
  • आषाढ़ गुप्त नवरात्रि: 4 जुलाई 2024 से 12 जुलाई 2024 तक।

गुप्त नवरात्रि का रहस्य

गुप्त नवरात्रि का रहस्य इसके नाम से ही स्पष्ट है। ‘गुप्त’ का अर्थ है ‘छिपा हुआ’ या ‘गोपनीय’। यह पर्व तंत्र साधना और गुप्त उपासना के लिए प्रसिद्ध है। इसमें देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। ये दस महाविद्याएं हैं:

  1. काली
  2. तारा
  3. त्रिपुर सुंदरी
  4. भुवनेश्वरी
  5. छिन्नमस्ता
  6. भैरवी
  7. धूमावती
  8. बगलामुखी
  9. मातंगी
  10. कमला

गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधनाएं और अनुष्ठान गुप्त होते हैं और इन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं किया जाता। ये साधनाएं व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति और तंत्र साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

गुप्त नवरात्रि मंत्र

गुप्त नवरात्रि में विभिन्न मंत्रों का जाप अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण मंत्र निम्नलिखित हैं:

  1. दुर्गा मंत्र: ॐ दुं दुर्गायै नमः
  2. महाकाली मंत्र:ॐ क्रीं का ली कल्याणि नमः
  3. तारा मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं तारा नमः
  4. त्रिपुर सुंदरी मंत्र: ॐ ऐं क्लीं सौः

इन मंत्रों का जाप गुप्त नवरात्रि के दौरान नियमित रूप से करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और साधक की आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है।

गुप्त नवरात्रि कब आती है?

गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है:

  1. माघ मास: माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक।
  2. आषाढ़ मास: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक।

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि

गुप्त नवरात्रि में पूजा विधि साधक की तंत्र साधना के अनुसार भिन्न हो सकती है। सामान्यतः निम्नलिखित पूजा विधि अपनाई जाती है:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: प्रातः काल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. मंत्र जाप: देवी के गुप्त मंत्रों का जाप करें।
  3. देवी की प्रतिमा या चित्र: देवी दुर्गा या दस महाविद्याओं की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. धूप-दीप जलाएं: धूप-दीप जलाकर देवी की आरती करें।
  5. भोग लगाएं: देवी को फल, फूल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
  6. हवन: यदि संभव हो तो हवन करें और हवन सामग्री अर्पित करें।
  7. ध्यान और साधना: देवी के ध्यान में लीन होकर साधना करें।

गुप्त नवरात्रि का महत्व

गुप्त नवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह पर्व विशेष रूप से तंत्र साधकों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान की गई साधनाएं और अनुष्ठान साधक की आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि करते हैं और देवी की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

निष्कर्ष

गुप्त नवरात्रि एक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है जो देवी दुर्गा की गुप्त साधना और तंत्र विद्या के लिए जाना जाता है। यह पर्व साधकों को आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। इस पर्व को श्रद्धा और विधिपूर्वक मनाना चाहिए ताकि देवी की कृपा प्राप्त हो और जीवन में समृद्धि का आगमन हो। गुप्त नवरात्रि का पर्व केवल साधना और पूजा का ही नहीं बल्कि आत्मानुशासन, संयम और ध्यान का भी पर्व है, जो साधक को अपने आत्मबल को पहचानने और उसका सही उपयोग करने का अवसर प्रदान करता है।गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है जिन्हें गुप्त रूप से किया जाता है इसलिए यह गुप्त नवरात्रि कहलाती हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Categories

Open chat
💬 Need help?
Namaste🙏
How i can help you?