जाने क्यों है नमक का प्रयोग वर्जित रथ सप्तमी में? (2024)

जाने क्यों है नमक का प्रयोग वर्जित रथ सप्तमी में? (2024)

माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हम रथ सप्तमी के रूप में मनाते हैं,जिसे भानु सप्तमी,पुत्र सप्तमी,अचला संपत्ति और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

इस पर्व में भगवान सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है,इस दिन लोग भगवान सूर्यदेव के रथ(सोलर चारियोत)की पूजा करते हैं और इसे गाड़ी के रूप में बनाकर पूजन करते हैं।

सूर्यदेव की पूजा से लाभ-रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन नमक का प्रयोग वर्जित होता है और लोग स्नान और अर्घ्य देने के बाद दान करते हैं,जिससे आयु,आरोग्य,मान सम्मान और संपत्ति की प्राप्ति होती है।

रथ सप्तमी का पर्व भगवान सूर्यदेव की पूजा और आरोग्य सप्तमी के विशेष महत्व के साथ एक विशेष पर्व है। इस दिन भक्ति और आचार-विधि का पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता,सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकता है। रथ सप्तमी को मनाने से सूर्यदेव की कृपा से व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है।