लाजवर्त रत्न है बहुत चमत्कारी, सफलता और धन लाभ के लिए ऐसे करें धारण
लाजवर्त रत्न है बहुत चमत्कारी, सफलता और धन लाभ के लिए ऐसे करें धारण
लाजवर्त क्या है:
लाजावर्त विभिन्न रंगों में पाया जाता है, जैसे नीला और श्याम। इसके साथ ही, इसे लाजवर्द मणि भी कहा जाता है, जिसमें स्वर्णिम छींटें होती हैं। यह पत्थर कठिनाई से मिलता है, लेकिन प्राकृतिक होता है। इसके साथ ही, बाजार में इसके कई नकली रूप भी मिलते हैं। इसके साथ ही, नीले रंग के लाजावर्त को अधिक लाभकारी माना जाता है, खासकर जब इसमें हरे या भूरे रंग के पैटर्न हों।
लाजवर्त के अलौकिक गुण
इस उपरत्न से जातक की मानसिक क्षमता बढ़ती है और मस्तिष्क में शांति बनी रहती है। निर्णय लेने में स्पष्टता होती है और पुरुषार्थ बढ़ता है। यह रत्न अध्यापन से जुड़े लोगों की क्षमताओं को बढ़ाता है और ध्यान केन्द्रित करता है। यह आत्म अभिव्यक्ति में भी मदद करता है, तनाव को दूर करता है और आध्यात्मिक विकास में सहायता प्रदान करता है।
लाजवर्त धारण करने की विधि:
लाजवर्त को शनिवार के दिन चांदी की अंगूठी या लॉकेट में बनवाकर धारण करना चाहिए। इसे दायें हाथ की मध्यमा उंगली में पहनना शुभ माना जाता है। धारण करने से पहले इसे सरसों या तिल के तेल में पांच घंटे के लिए भिगोकर रखें।
लाजवर्त किसे धारण करना चाहिए:
जिनकी कुंडली में शनि ग्रह कमजोर है, वे लाजवर्त धारण कर सकते हैं। विद्यार्थी, शिक्षक और लेखक के लिए भी यह रत्न लाभकारी माना जाता है। जो लोग मानसिक शांति और एकाग्रता चाहते हैं, वे भी लाजवर्त धारण कर सकते हैं।
लाजवर्त पहनने की सावधानियां:
जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर है, उन्हें लाजवर्त धारण नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी लाजवर्त धारण करने से बचना चाहिए। रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।
असली लाजवर्त की पहचान कैसे करें:
असली लाजवर्त का रंग गहरा नीला होता है। इसमें पीले रंग के धब्बे समान रूप से फैले होते हैं। रत्न चमकदार और स्पष्ट होता है।
लाजवर्त कहाँ – कहाँ मिलता है ?
लाजवर्त मुख्य रूप से अफ़गा़निस्तान, साइबेरिया, म्यांमार और कैलिफ़ोर्निया में पाया जाता है. इसके साथ ही यह चिली देश में भी यह पाया जाता है. लाजवर्त रत्न को फरवरी माह में पैदा होने वाले लोगों के लिए अनुकूल माना गया है।
लाजवर्त रत्न के नुकसान:
कुंडली में शनि और राहु नीच के अशुभ स्थित हों तो लाजवर्त को धारण न करें। साथ ही मंगल ग्रह भी अगर कुंडली में नकारात्मक स्थित है तो भी लाजवर्त धारण करने से बचें। या फिर शनि के साथ मंगल भी स्थित हों तो भी लाजवर्त नहीं पहनना चाहिए।