जाने क्यों  कहते हैं जया एकादशी को मुक्ति का द्वार?(2024)

माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हम जया एकादशी के रूप में मनाते हैं, जिसे मुक्ति का द्वार भी कहा जाता है।

आचार्य व्यास जी ने महाभारत के वनवास काण्ड में अर्जुन से कहा था और जया एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस एकादशी का व्रत विशेष पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। भक्त इस दिन विशेष रूप से विष्णु जी की पूजा करते हैं और उन्हें सोने, फूल, और नैवेद्य से भोग चढ़ाते हैं।

जया एकादशी का व्रत करने से भक्त को पापों का नाश होता है और वह बाधाओं से मुक्त होकर नरकों से बचता है। इस व्रत से व्यक्ति को आयुर्विद्या, धन, श्री, और मोक्ष की प्राप्ति होती है।