जाने क्या है ख़ास इस बार  ( षटतिला एकादशी  2024)

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षटतिला एकादशी के दिन तिल के प्रयोग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर तिल का प्रयोग करने से साधक को रोग, दोष और कष्टों से मुक्ति मिलती है।

षटतिला एकादशी के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करने से श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।

षटतिला एकादशी की तिथि 6 फरवरी को है, जो दोपहर 4.07 बजे खत्म होगी। ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 5.30 बजे से प्रातः 6.21 बजे तक। अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.30 बजे से 1.15 बजे तक।