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बच्चों के दांतों के आने का महत्व: जानिए और समझें

Baby Teeth Results, बच्चों के दांतों के आने का महत्व

बच्चे के जन्म के साथ ही उसके दांतों का आना एक महत्वपूर्ण घटना होती है। इस लेख में, हम बच्चों के दांतों के आने के महत्व को जानेंगे और उनके आने के समय होने वाले अरिष्टों के बारे में भी चर्चा करेंगे।

बच्चों के जन्मते ही दांत निकले हुए हों

तो माता-पिता को अरिष्ट, ऊपर पंक्ति में दांत जमे तो अधिक अरिष्ट।

प्रथम ऊपर की पंक्ति में दांत निकले तो मातुल पक्ष को भय हो।

पहले मास में दांत निकले तो शरीर नष्ट, दूसरे में छोटा भ्राता नष्ट,

तीसरे में बहन नष्ट, चौथे में भाई नष्ट, पाँचवें में ज्येष्ठ बन्धु नष्ट,

छठे में भोग, सातवें में पिता-सुख, आठवें में पुष्टता,

नौवें में धनी, दसवें में सुखी, ग्यारहवें में धनी।

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एक नक्षत्र जातक फल

पिता-पुत्र, माता-पुत्र व कन्या, दो भ्राता इनका एक नक्षत्र में जन्म हो तो दोनों में से एक को मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट होता है। सोना दान, शान्ति हवन आदि करने से अरिष्ट निवारण होता है।

यदि पहले मास में बालक के दांत निकल आएं तो बालक स्वयं अपने लिए कष्टकारी होता है।

उसके दूसरे मास में दांत आएं तो भाई के लिए, तीसरे मास में आएं तो बहन के लिए, चौथे मास में निकल आएं तो माता के लिए कष्टकारी होता है। सातवें मास में दांत निकाले तो पिता के लिए सुखदायक होता है। आठवें मास में दांत निकाले तो देह के लिए अच्छा होता है। यानि शरीर अच्छा होता है।

नवें मास में बालक दांत निकाले तो धन की प्राप्ति होती है। दसवें मास में दांत निकालने पर घर में समृद्धि होती है। 11 वे मास में दांत निकाले तो बहुत ही भाग्यशाली होता है। 12वे मास में दांत निकाले तो बहुत ही धन की प्राप्ति होती है।

यदि बच्चा गर्भ से ही दांत निकाल कर पैदा हो तो:

माता-पिता के सुख से विहीन हो सकता है। बच्चे के ऊपर की पंक्ति में दांत निकाले तो माता-पिता व नाना के पक्ष के लिए हानिकारक होता है। अशुभ महीनों में बच्चे के दांत निकाले तो पूजा-अर्चना करनी पड़ती है।

बच्चे के जन्म दिन 10, 12, 16, 22, 32 वें दिन बच्चे को आरामदेह झूले में सुलाना चहिए। झूले में डालने से पूर्व शुभ तिथी वार, नक्षत्र, शुभ तिथी योग आदि का विचार कर लेना चाहिए। झूले में माता, दादी, दादा के द्वारा भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए बच्चे का सिर पूर्व की ओर रखकर शिशु को सुलाना चाहिए।

शुभ तिथियां हैं :

1 (कृतिका), 2, 3, 5, 7, 10, 11, 13 (शुक्ल पक्ष) व पूर्णिमा।

शुभवार हैं:

सोम, बुध, गुरु एवम शुक्रवार।

ग्राह्य नक्षत्र:

अश्विनी, रोहिणी, मृग., पुनवसु, तीनों उत्तरा, हस्त, चित्रा तथा अनुराधा।

निष्क्रमण मुहूत्र्त:

जन्म से 3, 4 मासों में निम्नलिखित शुभ योगों में बालक को प्रथम बार घर से बाहर निकालना हितकर होता है। यदि आवश्यक हो तो 12 वें दिन भी निकाला जा सकता है।

शुभ तिथियां हैं:

2, 3, 4, 7, 10, 11, 12 (शुक्लपक्ष) एवम 15।

शुभवार:

सोम, बुध, गुरु, तथा शुक्र।

शुभ नक्षत्र:

अश्विन, मृग, पुन, पुष्य, हस्त, अनु, श्रवण व धनिष्ठा।

शुभ लगन:

2, 3, 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11 राशि लगन।

माता, दादी आदि परिजन बालक या बालिका को स्नानादि करवा कर वस्त्रादि से अलंकृत करें तथा पुण्यहवाचन, शंख और मंगल मंत्रों से एवम गीत वाद्य सहित ध्वनि के साथ उसे मंदिर ले जाकर माथा टेकावें। मंदिर की परिक्रमा करके उसे वापस ले आवें। बच्चे का सूर्य दर्शन तथा चंद्र दर्शन करवाना चाहिए।

बच्चे का दांत आराम से निकले इसके लिए घरेलू टोटके – छोटे बच्चों के दांत अक्सर जन्म से 2 माह के बाद से निकलने शुरु हो जाते हैं। कई बच्चों के दांत 6 माह में और कुछ के 12 माह में निकलते हैं। जैसे ही बच्चा दांत निकालना शुरु करता है, वह चिड़चिड़ा हो जाता है। उसके पेट में दर्द होना शुरु हो जाता है और वह बार-बार रोता है। उसका सिर भारा और गर्म रहता है, और बुखार भी आ सकता है।

माता-पिता को यह समझने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है कि बच्चे को क्या हो रहा है। बच्चे को पेट में दर्द भी होता है और मसूड़े सख्त हो जाते हैं। लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।

इस लेख में हमने बच्चों के दांतों के आने के महत्व को जाना और उनके आने के समय होने वाले अरिष्टों के बारे में भी चर्चा की है। बच्चों के दांतों का सही समय पर आना माता-पिता के लिए भी खुशियों का संकेत होता है और उनके बच्चे के लिए भी आरामदायक होता है।

क्या मुझे दाँत निकालने के बाद स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?

ज्योतिष के अनुसार, दाँत निकालने के बाद कुछ लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, यह आपकी जन्मकुंडली और ग्रहों के स्थिति पर निर्भर करेगा। ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित होगा ताकि आपको अपने स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में ज्ञात कर सकें।

क्या दाँत निकालने के बाद मेरी वित्तीय स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा?

ज्योतिष में वित्तीय मामलों को ग्रहों के संयोग से जोड़ा जाता है, और यह व्यक्ति के व्यक्तिगत चार्ट पर निर्भर करेगा। दाँत निकालने के बाद वित्तीय प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। आपको एक ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए ताकि आप इस बारे में अधिक जान सकें।

क्या मेरा भाग्य दाँत निकालने के बाद परिवर्तित होगा?

ज्योतिष में भाग्य को ग्रहों और कुंडली के संयोग से जोड़ा जाता है। दाँत निकालने के बाद भाग्य पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन यह व्यक्ति के व्यक्तिगत कार्यों, प्रयासों और ग्रहों के संयोग पर भी निर्भर करेगा। आपको एक ज्योतिषी के साथ व्यक्तिगत विश्लेषण करवाना चाहिए ताकि आप अपने भाग्य के बारे में अधिक जान सकें।

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